पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/२६९

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लारेन्य २७१ वाइसराय बना कर भेजा। नदनुसार १८६४ ई०को १२यो ' ले कर महिनुरमें गोलमाल खड़ा हुआ। महिनुर-राजने जनवरीको छलफलमे आ कर उन्होंने राजवार्यका भार ' कई बार लाई उल हाँसी, फैनिद्, पलगिन और लारेन्सके अपने हाय लिया। भारतमें आ कर ही ये अम्बाला अभि ' पास निवेदन पत्र भेजा था। लारेन्सने बड़ी गंभीरता मानका अवमान देख कर कुछ निश्चिन्त हुए । योकि उस गौर बुद्धिमत्ता माथ उसका मार गारत-सचित्र समय चीनके आन्तर्जातिक युद्ध और धर्मान्मत्त मुसल. ' ( Conservative Secretatus of State for India )के मानोंकी विद्रोहिता अंगरेजोंके वाणिज्यस्वार्थमें बाधा । हाथ सौंपा। मारत-मचिरने मदिसुरराजके दत्तकपुन- डाल रही थी। उसी सालके अक्तूबर मासमें उन्होंने । फो राज्यका अधिकारी ठहराया। उनके अधिकारकाल- लाहोरमें दरयार किया और ६ सौ राजाओंसे परिवृत्त । मे मित्र और आविमिनिया युद्ध में भारतवर्षसे देशी सेना हो भारत-राज्यमें जिससे शान्ति स्थापित हो उसका दल बहुत दूर पश्चिम भेजा गया था। उक्त के भारत उपाय कर दिया। प्रतिनिधिने लखनऊ नगरमें एक राजदरवार बैठाया। ___ इस समय बङ्गाल-गवर्मेण्ट भूटान जातिके उपद्रवसे । उसमें वहांके उत्तर पश्चिम भारतवासी नालुकदार, तग तंग आ गई थी। इन दुर्वृत्त डकैतोंका दमन करनेके, जमींदार और अयोध्याफे प्रजासाधारणने मारतेश्वरी अभिप्रायसे इन्होंने मालकाप्टर, डान्सफोर्ड, रिचार्डसन, / विक्टोरिया प्रति सम्मान और दागनेज-गवर्मेण्ट के प्रति गफ, पिउ आदि लेनापतियों के अधीन अगरेज-सेनादल- राजभक्तिका चरम-निदर्शन दिखलाया था। को भिन्न दिशाले भूटान पर आक्रमण करनेका हुकुम उसी साल सिराजसेनापतियोंने मध्य एशियाके दे दिया। तदनुसार अन्रेजी-सेना भूरानको ओर दौड योखारा राज्यों तथा उजवेकिस्तान प्रदेशमें आ कर पड़ी । नाना स्थानों में युद्ध करके भी भूटानवासी गङ्गः। वहाँफे टामीरको आश्रय दिया था। ममारके रेज वाहिनीको परास्त न कर सके। आखिर उन्होंने लडके विद्रोही प्रजाओं के साथ मिल कर पितृसिंहा. अगरेजो से सन्धि कर ली । अगरेज राजने भूटानके देव.. सन पर अधिकार करना चाहते थे। किन्तु राजके जो सब प्रदेश भारत-सीमान्तर्भुक्त कर लिये थे। कुछ कर न सके, क्योंकि उस-सेनासे अभोरको मासी उसके लिये वे भूटानपतिको वानिक २५ हजार रुपये मदद मिलती थी। अपने राजपदको सुदृढ कर समीरने देनेको राजी हुए। इससे रक्तक्षयकारी भूटान युद्धका कृतज्ञता-स्वरूप रसियनों को बुनाराम स्थान दे दिया। भवसान हुआ। भारतवर्ष रसियनों का विपजनक समझ कर लाई __इस समय १८६५ ई०में प्रधान सेनापति सर ह्यू रो-: लारेन्सने अफगानपति और अङ्करेजों के मित्र दोस्त ने पदत्याग किया। उस पद पर सर विलियम रोज महम्मदके पुत शेरअलीको काबुल के सिंहासन पर मान्सफिल्ड के, सी, वो, नियुक्त हुए। इन्होंने शत! विटाया। इस प्रकार वे अनरेज जाति और राज्यको पञ्जाव, सिपाही-विद्रोह और मिमियाके युद्ध में बडी वीरता भलाई करनेमें तत्पर हो गये। कुछ समय बाद शेरअली दिग्वलाई थी। राज्यसे निकाले गये तथा एक अफगान-जपुड़व रूस- ___ उसी साल राजप्रतिनिधि लारेन्सने पक्षाव और सेनादलमें मिल कर राज्य पानेके लिये पडयन्त्र करने

  • अयोध्याकी प्रजागो के हितसाधनमें कोई कसर उठा न लगे। इस गोलमाल के समय महामति लारेन्सने बड़ी

रखी थी । १८६६ ई०में उड़ीसा महा दुर्भिक्ष उपस्थित गंभीरताके साथ निरपेक्षताका अवलम्वन किया था। हुआ। वह धीरे धीरे ४ मोल लंबे और ७० मील चौड़े, उनकी इस निरपेक्ष राजनीतिको राजनीतिश लोग "as स्थानमें फैल गया। मन्द्राजके लोट हारिशने इस समय masterly in activity" कह कर वडी तारीफ करने विशेष उदारताका परिचय दिया था। इस महामारीमें प्रायः ८ लाख आदमी करालकालके गालमें फंस गये थे। ये भारतवर्पने प्रज्ञाकी सुखपृद्धिके लिये नहर कटवा इस समय १८६७ ई०में महिसुरराजका राज्याधिकार गये हैं। उस समय उन्होंने भारतवर्गम तमाम नहर