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ग्वेती होती है । यह ३० फुट तक लया होता है, किन्तु दण्ट, 3B Pra' aवामयनाके उपर देश तथा
साधारणतः पतले होते है । कही कहीं मोटे मी देखे जात अन्यान्य स्थानोम मित्रो ननमाला देगी जाता है। इस
की पत्तिया साधारणतः १८ लम्पी धीर ३४
है, कभी कभी मनुष्यके पैरके समान मोटे होते हैं।
२०B Multiplex-कोचीन चीनके उत्तर विभाग चोटी होती है। यद दाम बेचने के लिये उपकृट मागमे
में घेरा लगाने के लिये इसकी सेतो होती है।
लाया जाता है।
२१ B Xana-ब्रह्म और चीनराज्यमें पैदा होता है। २८ 13 Polymorpha-पेगुमा पाद पर नया
यह पेड छोटा, पत्तिया छोटा छोटा और निचला भाग' मात्तंबान बिनाग के पर्वन पर इस यांमका कर देगा जाता
है।वामी इमै कैयौदा रहने है।
सफेद होता है। इसका घना वेग देने से दडा ही सुन्दर
।
दिखाई देता है। चीनवासी इसे म्यु फा तथा व्रावासो
२६ B. Pubcccm -टमाटा, 20 फुट लम्बा पर
शाचन अधिक मोटा नही होना।
पिलवपिनटव कहते हैं।
३०B spinn-दाक्षिणात्यके नाम और गुमरसुर
२२ B. Nigra-चीन-साम्राज्यके अंगरेजाधिरन
जिलेमें उत्पन्न होता है। इनकी कमाई ८० फुट तर
काण्टन प्रदेशमे यह वास पाया जाता है। इसके दण्ड .
': दसी गई है। उदोमानामी दमको काटा यांन रुदने ।
सनप्यकी ऊचाई के समान बढ़ने मा नहीं पात, कि काट: 27B. Spino-r-मारत, पृचन्टनात प्रसिद्ध
लिये जाते हैं। उससे व्यवहारोपयोगी अच्छी लाठी।
! यामकी जानि । हिन्दी मे इमे युर या बेर यांम, बदाल में
और स्त्रियों के व्यवहार्य छतरीके सुन्दर बट तय्यार होते ;
। ये बाम , भानाम्मे फोटे क्लाइमें फिदीरः ग्राम में
है। दडल एडमें भी यह वांस उत्पन्न होता है।
यकन्या करते है। बदाल, आमाम और नाराज्य, युक्त-
२३ B. Nutans-नेपाल, सिक्रिम, खासिया-ट-
प्रदेश, मुन्द्राज प्रदेश उत्तर पूर्वानी तथा भारतक
माला, आसाम, श्रोहट्ट और भूटानके ग्रामादिके मैदानोंमे |
अन्यान्य स्थानोंमे भाड़ा वार कर यह उत्पन्न होता है।
यह वास झाड देखा जाता है। भूपृष्टसे इसकी ऊंचाई ।
यह देयनेमें सुन्दर और गठन मध्यमारतिका होता है।
७ हजार फुट होत' है। यह देखने में बहुत छ तल्दा
क्लकत्ते के निकट नहरनल्लीमें और ग्रामराज्यमे ३० से
वांसके जैसा होता है। मोतर पोल नहीं होता, ठोस
५० फुट -यादा लम्या नहीं होता। इसी फरची इतनी
होता है। मोटे बासमें कुछ पोल होते है । नेपालमे यह )
विस्टन और कठिन होता है, कि उन बांसके वनमें
महल-यांस, लेपछा देशमे महल, भूटियामे मिउसिन ।
'घुसना मुश्किल है। पत्तियां छोटो और कांटेदार होती
आसाममे विदुली और मुकियाल तथा श्रीहट्टने पिछले
हैं। ज्येष्ठ मासमें जब वर्षा शुरू होती है, तब पुराने बांसों-
नामसे मशहर है।
में फूल निकलने हैं। हम बांसको फाड़ पर गृहादि
२४ B. Orientalis-एकमात्र दाक्षिणात्यमें हो पैदा
बनाये जाते हैं। यामूत्र धारणकालमे इस बासकी लाटी
बना कर ब्राह्मण-सन्तानके हाथमें दण्ड देनेकी विधि है।
२५ 3 Pailrda-पूर्व-बड्ड और आसाममें मिलता है
३२B Strnata-चीन देशमें पैदा होता है। इसको
और ५० फुट लभ्या होता है । वासिया लोग इसको उस
झाडी नहीं होती। इसके दण्ड पतले, पीले, चिरने और
केन और कछाडा लोग बुरवाल और बग्वाल कहते है।
सन्ज रंगके होते है। इद्धलएडो मेपलोद्यानके उश-
२६ B. Picta-सिराम, केलगा, नेलितिस और उस-
निस्तनमें ( hot-houses ) इसकी पेती होती है। यद
के आस-पासके अन्यान्य द्वीपोंमें यह वृक्ष बहुतायतसे ३० फुट तक ऊंचा होता है।
देग्नने माता है । यह दो से अधिक मोटा नहीं होना । ____३३ B Stricta-बहुत कुछ झाड़ी बांध कर उत्पन्न
प्रायः ४ फुटके अन्तर पर एक एक गाठ रहती है। लकडी होता है। भारतवर्ष में इस दाड़ बांस कहते है। दाक्षि-
पनली, किन्तु वहुन मजबूत होती है। इस कारण यह | णात्यको तेलगू मापामे इसका नाम सन्दनपयेदुरु है।
विलकुल लाठीके लायक है।
यह बहुन मजवून, ठोस और सीधा होता है।
होता है।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/४११
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