पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/५०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

रोम साम्राज्य मन्तम रमणियोंकी ही जीत हुह । ये नाना रगोंके पदि आप मुझको हरा देने, तब आप कौन होते ? हानि ३पडाको पहा तथा स्वणारारम भूपिता हो कर स्वत । बल्ने इस पर कहा था-"आपको हरा १र में सिक "त्रतापूर्वक विचरण करने लगीं। न्दर और पिरहाससे भी बढ जाता ।" ये दोनों आपस इस समय सिपिगो अभिनास और सिपियो में ए* दुसरेको समझ गपे थे। पहले कहा जा चुका है, एशियारिकास दोनों मार साधारण लोगोंकी दृष्टिमं ! जिहानियल विधानियाको राजसभा रहने लगा था। गिर गये। फेरोको कुचेपासे नेडियस नामक एक मितु या रोमकोंके समागम होनेको आशङ्कासे उसने ट्रिव्यनने छोटे सिपियो पर लूटे हुप धन माव्यय यिप पान कर आत्महत्या कर ली थी। करनेका अभियोग लगाया। इस माराम उसको इसाक १८४ र्या पूर्व स पर हुए । इस वहा कठोर दण्ड होता, कि तु प्रसिद्ध प्राकाम शुद्धि समय इमो रोमपे भीतर बहुनरे समार पिये। पलसे छोटे सिपिओ बच गया। पिलासिता दूर करनेके लिए उसने बिलासिताकी फिर ट्रिब्यूनों द्वारा मिपियो अफ्रिोनाम अभि | सामग्रियों पर दूना पर पढाया। सिया इसके अनेक युर हुआ । जव उससे उसके अभियोगके सम्बन्ध कायमण्य सदस्यों को उनके पदस हटाया। किन्तु प्रश्न पूछा गया, तब इसका कुछ भी उत्तर दे कर रोमके वय वृद्धिके साथ साथ उसकी शनि कम होती गई। प्रजात के लिये अपनी को हद होत्तियोंगो ओनखिी मतमें उमने यूनानी साहित्यको मागता अपना भाषा वर्णन करने लगा। सिपिभो जोरसे ६11 ध्यान यढाया। यह एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक और प्रौद लगा-'मैने भयनविण्यात जेमा गर्म हानिवल बताया। पराजित किया था । माज उसका पानिकोत्सवका दिन। तासरा माक्दिनीय युद्ध एक्यिान भौर प्यूनिक मुस। है।" सिपिभोक भोजस्वी भाषणसे मदालतके सभी । (१७८ १४६ ३० पू०) रोग उठ कर फेपिसल पर पूजा के लिये चले रोम पश्चिम यूरोप में प्राधान्य स्थापित और पशिवाये गये। अदालतमै केयल विचारकही रह गया। इसके । पश्चिम माग प्रतिनिधित्व र शान्तिले दिन बिता रहा बाद मिपिभो भी मदारतका नियमवधन तोड कर था। ऐसे समय फिर युद्ध भारम्भ हुआ। ईसा १७६ अमृता रोमको छोड अपना ज मभूमिमें जा कर रहन या पूर्ण माविदनपति फिरिपकी मृत्यु हुइ और उसका लगा। रोमसे सम्पप विच्छेद र वाको जिन्दगी उसन रदका पर्सियम सिंहासन पर बैठा। पिलिपन मृत्यवे यहीं विताइसाफे १८३ वर्ष पूर्ण उसको मृत्यु हुई। पहलेसे ही र मके साथ फिर युक्षा आयोजा किया मृत्युफे समय उमो कहा था कि मेरी शवोह भरा था। पसियस जय राजा हुमा, तब उसका खजाना भरा रोमकी भूमिमें न दफनाई जाये। । विपुल सैन्य संग्रह करनेके लिये एशियाई राजे दानिपलने भी इसी समय प्राणत्याग किया। जब यूनान, हमियन, इलिरिया और पेलरिक जातियों सेनेटने दानियलको मार डालने विचार क्यिा था, तब साथ उसने मित्रता र लो यो । रामक भी चुप बैठेन सिपिमोने सेनेटके उस हुक्मको २६ बनाया था। थे। इन सब आपेशिनीको ये देख रहे थे। इस समय सिविमोको मन्तिमोक्सममाम हानियल के साथ जो पर्सियस रोमके मित्र पार्गामासके राजा यूमिनसके प्राण कधोपमधन हुभा था, यह इतिहासमें प्रसिद्ध है। को घेटा परन पर १७२ यासासे पूलमाला मिपिमोने हानिधारमे पूछा-- कहो, किसका श्रेष्ठ मेना ! युद्ध दोन रगा। पर्सियमफे अधीन प्रकाएड सैन्यात पत्ति करते हो।हानिपल ने उत्तर गिया,-'दिग्विनयो सगृहीत हुआ। भोडे सियाका राजा फाटिस् उसका सिवन्दरको।' सिपिभोने फिर पूड़ा दूसरा न १ प्रधान सहायर पना। रामोन भी युद्ध आरम्म किया। उनर मिला-"पिदाम' फिर मिपिभोन पहा, सिन्तु मोन वर्ग ता राम कुछ कर न सक। इधर "सासरा कौन?"हानियलने पहा- 'तीसरा म्यय मैं।' ! पसियम ही जीतन गा। इमलिपे वानरी जानिया मा मृगमन दफनाई जाये।