रोप साम्राज्य पर मिण कर उसको तग कर दिया था। उस समय ! उठी। इस अवसर पर मिथिडेटिस और टाइमेनसने निरुपाय हो र मिथिडेटिसने एक दल सैन्य सह कर फिर पण्टाम और कापाठोषिया पर अधिकार कर हेलिस नदीके किनारे मरेना पर मारमण किया। इस लिया।लुकालासक विपक्षियोंने उसके बदलेग्लनिभोको वार मरना पराजित हो र मिजिया भागा। उस समय, सल नियुक्त कर युद्धक्षेत्रमें भेजा। किन्तु वह शत्रु मिथिडेटिसने कापाडोक्यिा आदि स्थानों पर अधिकार पक्षका कुछ भी विगाड न सका। मिथिडेटिस (६७ कर लिया। उस समय (८२ इमा पूर्व) गारिनियासने, इमाके पूर्व ) फिर अपने सिंहासन पर बैठा। इसी सल्लाको आमासे पशिया जा घर मरेनासे युद्ध बन्द समय पपी मिथिडेरिस युद्धके सेनापति छोोफे कारण करने का। इस पर मिथिडेटिसने पूर्व माधवी। उकालासने अपना पद परित्याग किया। शांक अनुसार कापासोनिया छोड़ दिया और वह । जल हाकुओं के साथ युद्ध। अपने घर लेट बाया। इसी तरह दूसरे मिायटिसयुद्ध इस समय भूमध्यमागरफे जल डकैतोंका उपद्रव कात हुआ। बहुत बढ़ गया था। सिरिया, साइप्रस और मोतद्वीपके सीसरा या महामिथिडेटिक युद्ध (७४ ६१ ३ कपू०) समा भादमी इस काममं लिप्त थे। उन सघोंने प्यर मिथिडेटिस रोमकांश अभिसधि ज्ञान र सायिक जहाजोंको लूटी पाटनेस यहुत धन सप्रह भीतर ही भीतर युद्धमा तय्यारी करने लगा। मेराया। किया था । उनक पास ए३ हजार जडीजहाज और बहु पक्षीय सेनापति स्पेन माटारियाम और हजारा जल | तरी सुशिक्षित फौज तथा मलाह धे। ये प्रवल पराक्रान्त साक उसके दलम बा मिले । इसी समय मिथाइनियाके ! हो उठे थे। उहोंने अष्ट्रिया बन्दरमें कह रोमक जहाजों राजा ३२ निकोमिउस अपनी मृत्युक समय अपना को जला दिया तथा अएटानियासको दुहिता तथा पुलको समचा राज्य रोमके प्रजात के नाम सौंपा गया। कितु पकड लिया था। इस पर रोमसे मभिलियस युद्ध करने निकोमिडमकी नाइमा नाम्नी स्त्रोके गर्भसे उत्पन , लिपे भेजा गया। इसाक ६७ वर्ष पूर्व द्रिय न गेधिनियस रडको गद्दी पर बैठानेक लिये मिथिडेरिसने साहाय्य । परन लगा। इसके सम्य धो भीषण युद्ध हुआ। । स्या रेस गेवेनिया" नामका ए कानून बना पर भूमध्य रोमक सैनिश लुकास और रिलियामाहा उनक सागरक युद्धादि निर्वाह करने के लिये एक क्षमताशाली विरुद्ध युद्धके लिये भेने गपे । मिथिडेरिसने पहले ममचे शासनकत्ताक नियोगका नियम बनाया। इसके अनुसार विधानिया पर अधिकार कर लिया । अतम मिथिटे । २०० जड्डीजहाजे तैयार हुए। पम्पो हा सर हाजीक टिसको पराजित किया और उसको मिजिकास नामक अधिनाया पाकर युद्ध करने चरा और ३ महानेके म्यानमें घेर कर पाय दथ्यकी आमद रफत रोक दिया।। भीतर उसने उन नल-साधुओं को परास्त किया। उस समय यह अपन राज्यमें लौट आया। किंतु | २०००० नल टाक फेद कर लिये गये। किन्तु पम्पीने लुकारासने उमा पीछा पर उसको फिर पराजित इनका जानस ने मार पर इनसे पशिया माइनर और पिया । मिथिडेरिसने अपन दामाद अर्मेनियाके राजा अन्याय स्थानम उपनिश स्थापित कराया। इसके टाइनमा मिरित सैन्य ले र रोमा सेनापति । याद पम्पोन सिलिसिया नामक स्थान जल डाकुओके फेरियासको सम्पूर्णरूपसे पराजित किया। इसके बाद सुरक्षित किलोका काम किया। इमाके ६६ यप पूर्व (६७ सा पूर्व ) रोमक सेनाध्यक्ष, ट्रियारियस पिला! द्रव्यून मानालयमने स्पसमानिलिया नामका कानुन नामक स्थान भयङ्कर युद्ध में पराजित हुमा। रोमकोंके। धाकर पम्पाको मिथिडेटिक युद्धको अध्यक्षता सौंपी। धेमे और युद्धसामग्रो शतके हाथ लगीं। सिसिरो और जुलियस सीजरने पम्पाका पक्ष समधन इधर लुगागस पिक्षियों को रोमर्म प्राधान्यलाम दिया था। समाचार पाते ही पम्पान एशिया जा कर परत पर उन्होंने लुकालासको रणक्षेत्रस लौर आनको जुकालासमे सेनापतित्व ग्रहण किया और कौशलसे भाका मेज दी। उससे लुकालासका सै य विद्रोही हो । पोधिप नरपतिशे हायम कर ससौन्य मिथिटेटिसके Vol A, 10