पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/२५८

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गवन्दौ-गवर्नर-जनरल विशेषके सामन लिटा देनेसे ही समझते हैं कि भूत उम- गवन्दियों में विधवाविवाह और बहुविवाह चलता की छोड़ जावेगा। इनको विश्वाम + कि ओझा मन्त्रमे | है। मारवाड़के गवन्दी अपनेको 'मागरचक्रवर्ती' बतलाते लोगोंको मार तक मकत हैं| हैं। इनका कोई गोत्र वा उपाधि नहीं। फिर भी बद. । मन्तान भूमिष्ठ होने दो नवजात शिशु और | गुम, दबानापुर, कबानापुर, मिनामधारी और पाकुतरा प्रसूतिको नहलाते और चारपाई पर लेटा करके गर्मी | पांच श्रेणी विभाग विद्यमान हैं। यानीजपरक पद पहुंचानको उमर्क नीचे कण्डे की आग सुन्नगाते हैं । फिर न्दियोंसे अधिक मैले कुचले और कदाचार होते हैं । इन- गवतिको गरी और गुड़ खिलाया जाता है । मन्तान में कोई मृतदेहको जलता और कोई समाधि लगाता प्रसत होनसे आध घगटे पोछे माताको चावल और है। यह पवईक जन्म, ऋतुकाल और मृत्य को यथा- भक्खन देत और पांच दिन तक बराबर वना हो किया क्रम , ४ और १० दिन अशौच ग्रहण करते हैं। वरत हैं। पांचवीं गतको धावी या करके जीवतीको | वय ( म• पु०) गोजातिका एक पशु। इसके गले में पूजा करतो ओर नैव द्य आदि अपने आप ग्रहण करके , झालर नहीं होता है, नीलगाय । इमका नामान्तर गबा. ससी के माथ एक प्रदीप ढांक करके चन्न देती है। इनको क, बनगो, बलभद्र और महागन्ध है। इसका मांस मिलाम है कि उक्त दोपकको किमो के देख लेनेमे पुत्र | का और पुष्टिकर होता है। पौर प्रम तिको पीड़ा होती है। बारहवें या तेरहवें दिन नामचन्द्रजीको सेनाका एक बन्दर । यह वैवस्वत बका नाम रखा जाता है। हमी दिनको प्रम ति शुचि हमुमानक पुत्र था।३ एक छन्दका नाम । इसके प्रथम चरण में १८ पत्राए होती हैं और ११ मात्राीपर विराम विवाहमे पहले फलदानके ममय वरकर्ता कन्याको | होता है एमें दोहा होता है। पान, सुपारी, नारियल, शकर और कपड़ा पहुचाते हैं। गवयो ( मं० स्त्री० ) गवयगती डोष । गवयस्त्री, नील एक नारिकल कन्याको कुलदेवताके मामने रखना पड़ता गाय। इसका पर्याय वन धे और गिल्लोगवी है। . कन्या यही कपडे पहन करके एक कम्बल पर आ पैलती है। फिर घरकर्ता अपने आप वधूमाताके कपाल पर गवर्नमेण्ट ( अं० ) १ राज्य, शामनपदात । २ शासक- मण्डल। सिन्दूर चढ़ात और उमकै मुखमें शक्कर छुपाते हैं । गणक- के विवाहका दिन स्थिर करने पर कन्याकर्ता वरकी गवर्नर (0) १ शामक, हाकीम। २ किसी प्रांतका चादमी और मवारी भेज करके बुलाते और उसके आ जान राजा वा प्रजास चुना हुवा हा | राजा वा प्रजासे चुना हुवा हाकिम । ३ वह प्रधान शासक पर बरकन्या दोनांको हलदी लगा करके नहलाते हैं।। जो देशमें शासन करनेके लिये राजा वा मत्रि-मंडलमे जनके स्थान पर जलपूर्ण ४ कलस रख करके चारो ओर | नियुक्त किये गये हो। ४भारतमें किसी प्रेसिडन्सोक सनी लपेट देते हैं। एक अविवाहित व्यक्ति चारों कम्लसों- प्रधान हाकिम जो गवर्नरजनरलके अधीन रहते हैं। यह वि.एक एक करके जल निकाल दम्पतीके मस्तक पर इङ्गले के बादशाहका मन्त्रिमण्डल द्वारा नियत किये मिकता है। मानक पोछे कन्या पचिया पहनती है। जाते हैं । भारतवर्ष में बम्बई, मद्रास, युक्तप्रदेश, आसाम, ब्रह्मा और बंगालमें गवर्नर रहते हैं। लाट । सनादानके ममय वर किमी टोकरी पर खड़ा होता है | पुरोहित उमो समय धान्यसे उसको आशीर्वाद देता और | गवरीदाद-बम्बई प्रदेशके काठियावाड़का एक छोटा कन्धाके गले में मङ्गलसूत्र बांधता है। कनाका पुष्यो राज्य। भूपरिमाण २७ वर्गमोल तथा लोकसंख्या लग- समोनेसे गर्भाधान संस्कार किया जाता है। भग दो हजार है। राज्यको आय २४१२६ रुपयेकी है। मवन्दी मृत्य के पीछे शवदाह करते हैं। तीसरे | १६२१ रुपये वृटिश सरकार और जूनागढ़को कर देना नि दाइ स्थान पर पहुंच करके मृतकं लिये पिण्ड- | पड़ता है। "दीर पानीमें फेंक दिया जाता है। | गवर्नर जनरल (प. पु. ) राजा या मन्त्रिमण्डल द्वारा