पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/३३२

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गिन्नौ-गिड़बा एक एक जोना लगा है । वौं मञ्जिनका बरामदा टूट । तक गाते हैं । राजाके मरने पर तदीय महिषी महमृता गया है। ऊपरके तन्नका घर मवम छोटा है । ६४ हुई। रणविजयी नवाब शाहादत उल्ला खॉन मतोको खण्ड से मट्टीका एक नल प्राचीरके नोचे होता हुआ ६०० वैसी स्वामिभक्तिसे मन्तुष्ट हो करके उनके म्मरणार्थ अर्काट- गज तक जा करके एक तालाबमें पहुंचा है। राजगिरि के निकट उन्होंके नाम पर 'रानोपत्त नामक एक नगर में दुर्ग से बाहर स्वच्छमन्निना तथा चिरवाही २ प्रस्र स्थापन किया। वण हैं । उनका पानी मभी स्थानीय लोग पीते हैं । राज राजगिरिस्थ मन्दिरादिक कारकार्यमय स्तम्भ फरा- गिरि और चन्द्रायण के बीच में दोनों पुष्करिणियों मीमी पुदोचेरी उठा कर ले गये हैं। वहां जान पर और टुग का पानी बहाने के लिये एक नहर खुदो है। आज भी इनका शिल्पनैपुण्य दृष्टिगोचर होता है। राजगिरि पर एक बड़ी तोप और १५ फुट चतुरस्र तथा गनीम१मोल उत्तर पहाडके 'तिमनाथ कगड' ५ इञ्च मोटा कोई ग्रेनाइट पत्थर पड़ा है। तोप ऐसे नामक स्थानमें पर्व तगात्र पर २४ जेन तीर्थयागंको धातुको बनी हुई है कि उममें कभी भी मोर्चा नहीं मूर्तियां खुदो हैं । यहांम १॥ मोन उत्तर-पश्चिमको पर्वतो. लगता। इमके मोहरे जड़में ७५६० मंच्या ग्वोदित परि रङ्गामोमल्ल नामक काई विष्णु मन्दिर है। लोग है। स्थानीय लोग बतलाते हैं कि वहां पहले राजप्रामाद इन देवताको बड़ा भक्ति करते हैं। यह मन्दिर पहाड रहा और राजा उमो पत्थर पर वई हो करके नहाते थे । तोड़ करके बनाया गया है। इमसे उत्तरका किमो दूमर पत्थरके पास एक महत् कूप भी है। प्रवाद है कि राजा भग्न मन्दिर बहुतम खादित शिनाफलक हैं। कैदियोंको उममें गिरा करके अनाहार मार डालत थे। गिटांकगे (जि. स्वाद । तान लेनमें स्वरका किलेके अकोटी दरबाजमें पत्थर पर एक शिलालिपि कॉपना। यह अच्छा समझा जाता है। खुदी हुई है। बहुत दिन यह दुर्ग विजयनगरके अधीन रहा, पोहे- | गिटकोरी ( हिं० स्त्री० ) ककड़ी। से महिमरके नायकौन अधिकार किया। १५६४ ई०- गिटपिट (हि० स्त्रो० ) निरर्थक शब्द । को तालीकोटको लडाई में गिनो किल्ला ममलमानों गिट्टक ( हि स्त्रो० ) १ ककर जा चिल्लमक नोचे कटक हाथ लगा, १६३८ ई०को विजयपुरक सेनानायकने ऊपर रखा जाता है। (पु०) २ एक कंपमें निकलनवाला शिवजोक पिता शाहजोको महायतामे इमको उनसे गिटकिरी लेनका स्वर या तानका छोटा भाग। होमा था, किन्तु १६७७ ई०को शिवजीन अपने आप गिट्टा (हिं० पु० ) ककड़। पधिकार कर लिया। उसके पीछे २१ वर्ष यह महा- गिट्टी ( हि पु० ) १ पत्थरक छोटे टुकड़, जो छत्त आदि राष्ट्र-नताके कट त्वाधीन रहा। दिल्लोके बादशाह औरङ्ग पर फैलाकर कूटे जाते हैं। २ मट्टो वरतन टूटे हुए जबन महाराष्ट्र बल उच्छेद करने के लिये जुलफिकार वा खंड ३ चिलमको गिट्टक । ४ तागको रील । को भेजा था। ८ वत्सर क्रमान्वयमे युद्धके पीछे १६८८ गिठुआ हि पु०) जुलाईका करघा । ई-को मुगन्न मैन्यन गिजी दुर्ग अधिकार किया। १७५० गिठुरा ( हि • पु० ) गाव ई०को फरामोसी मनिक माशल बू सोन इम पर धावा गिड़ गड़ाना (हिं क्रि०) अधिक नम्रतासे प्रार्थना करना, माग था। ११ वष फरामोमियोक अधीन रहन पोछे बहुत अरजसे विनती करना । १०६१ ई०को ५ महाह तक घेरा डाल करके कमान गिड़गिड़ाहट (हिं स्त्रो०) १ प्रार्थना, विनती। २ गिड टोफेन स्मिथन इसे दखल किया। १७८० ई०को यह गिड़ानका भाव। फिर हैदरअलोके हस्तगत हआ। मुसलमानी हमलेके गिड़राज ( हि पु० ) सूय । समयको इसके देमिहराज (2) राजा तेजसिंह उनमे गिड़वा-एक नदो। यह हिमालय के एक गहरसे निकल बि लड़े थे। इनके उम वीरत्वका गीत लोग आज नेपाल और अवधके बीवमे कौडियाला नदीमें श्रा करके