पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/३३७

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गिरवान-गिरि ३३५ आर शेष १८००० है। पथिममें केन नदो प्रवाहित है, गिरापितु ( मं० पु० ) सरस्वतीक पिता, ब्रह्मा। भूमि उर्वरा है। गिराव ( फा० पु.) तोपका गोला, जिसमें छोटो छोटो गिरवान ( हि पु० ) देवता, गीर्वाण, देव, सुर। गालियां और कर भी होते हैं। गिरवाना ( हि क्रि० ) दूसरे हाग गिराने का काम | गिराम ( फा० पु० ) गाम दम्वः । कगना। गिरामना-गमना देवा । गिरवी ( फा० वि० ) वधक, रहन । गिरामी ( हि स्त्री. ) एक प्राचीन जाति । इम जाति. गिरवीदार ( फा० पु.) बंधक लेनेवाला मनुष्य, महाजन के मनुष्य बड़े डकैत होते थे, इनका वामस्थान गुजरात- गिरवोनामा ( फा० पु. ) बन्धकका नियम लिखा हुआ में रहा। पत्र, रेहननामा। गिराह ( अनु०प० ) जलजन्तु यार। गिरवोपन ( फा० ) गिरिवीनामा देव।। गिरि ( मं० पु०) गई किच्च । १ पवत, पहाड़। गिरह ( फा० स्त्रो०) १ ग्रन्थि, गांठ । २ वह गांठ जहां "गिर टिगा भाजलेमनाशनः।" ( १०५.१३) दो चोजें आकर जुटो हो। ३ एक गजका मोनहवां भाग 'गिर: पर्वतस्य । (मायण) २ तान्त्रिक सन्यामी विशेष । जो मवा दो इञ्च ममान होता है। ४ जयब, कौमा, खगेता। ५ क प्रतीका एक पंच । ६ कल या, उन्नटी। "मदाय वा वोर मक्रकशी दिगम्बरः । व मममविन भावबंद यो नरोनमः ॥ गिरहकट ( फा० वि० ) जब या गांठफा रुपया चुरान- इष्टदेवी राधया नाग' म गिरि : परिकीर्तितः। (तन्त्र ) वाला। अर्थात् जो मर्वदा ऊभ्व वाह, वीगचागे, मुक्तकेश और गरहदार ( फा. वि. ) जिममें ग्रन्थि हों, गांठवाला, नग्न रहते तथा मत्र ममभावमे अवलोकन करते है गठीला। एव अपनी इष्टदेवी ममझ कर समम्त स्त्रियों के ऊपर गिरहबाज ( फा० पु. ) एक तरहका कबूतर, जो मरको अनुरोग प्रकाश करत वे ही गिरि कहलात हैं : ३ परि नोचे पृथ्वी पर रखकर चारों ओर घूमता है। व्राजकांकी एक उपाधि । शङ्कराचार्य के प्रधान शिष्य गिरहर ( हि वि० ) पतनोन्मुख, जो गिरनवाला हो। आनन्द इम उपाधिक अधिकारी रहे। ४ नेत्ररोगविशेष, गिरहो ( हि पु० ) हिन्, गृहस्थ । ऑखको एक बीमागे। ५ गन्दक, छोटे छोटे लडकोंके गिरी (का०वि०) १ अधिक मन्यवान्ना, महंगा।२ भारी। खेलनका लकडोका गन्द । ६ मेध । ३ अप्रिय । "गिम्यांमा. जया पम्पर्धन (मृक ११) गिरा ( मं० स्त्री० ) १ गिर वा टाप । वाक्य । "गिरयो मेघाः - (माय) "ता गिर्रा के कगा। श्रुत्वा । (दशरथविनाप) ७ पारेका एक दोष जिमका शोधन यदि न किया २ जिला, जवान । ३ बोल, वचन। ४ सरस्वती जाय तो वानवालेका शरीर जड़ हो जाता है। देवो। 'मन' विष वझिगिरी च चापन में मांग क दोषमुन्ति पारदै।" गिराना (हिं क्रि०) १ पतन करन २ पृथ्वी पर डाल (भावप्रकास) देना। ३ घटाना, हाम करना। ४ जलका ढाल ओर ८ दशनामी मंप्रदायक अन्तर्गत एक प्रकारक बहना । ५ शक्ति वा प्रतिष्ठाको कमी कर देना। ६ किमी | मन्यामो। दमामी देखा। मगडनमियक शिष्य 'गिरि' में पदार्थको नियत स्थानमे हटा देना। ७ महमा उपस्थित इस मम्प्रदायका नामकरण हुआ है। उनमें कुछ लोग मठधारी महत हैं जा उम मम्प्रदायक प्रधान गिन गिरानी ( फा० स्त्री०) महगापन, महंगो। २ अकाल । जात हैं। वर्तमान समय इम मम्प्रदाय के बहुत मनुष्य ३ अभाव, कमी। 8 किमी पदार्थ से पटका भारीपन । वैषणव धर्मावलम्बी हो गये हैं जो गिरिवैष्णवमे ख्यात गिरापति (सं० पु०) ब्रह्मा। हैं। उत्कल में इस तरह गिरि वैष्णव देखे जाते हैं। होना।