पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४३३

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गुर्गाव-गुर्जर १३२, अधिकारमें आ गया। १८५७ ई के मईमासमें सिपाहो के दक्षिणामें हुन्दर नामक एक स्थानमें एक दुर्ग है इस विद्रोहके समय फरुकवनगरके नवाव विद्रोही हो उठे, जातिको दमन करनेके लिये मबूनमलने या दुर्ग बन- मेव जाति तथा गजपूत उनके अनुगामी हुए। १८५८ ई०. पाया है। हुन्दरके पाम कन्दाहार जानके लिए एक में नवाबको विद्रोहीका सहकारी ममझ कर उनको गिरिभङ्गट है। १८५०, १८५२ और १८५३ दे०में अफ- ममस्त सम्पत्ति मरकारने जब्त कर ली। गान सेना यहां दिखाई दी। इस पर सुटिश गवर्म गटन इम जिलेमें रेवाड़ी, फिरोजपुर, पन्नवल. फक्वनगर, घोषणा निकालो कि किसी भी अफगानको अङ्गरेजी गुर्गाव, सोहाना, होदल और मो ये कई एक नगर लगते राज्यमें पानमे, उमे कैद कर लिया जायगा। १८५५ ई० हैं। यहां मेव, जाट, गूजर, अहोर, राजपूत, वेणिया. में गुर्चनी-मारक गिरिमङ्कटको रक्षाकं लिये नियुक्त होने रडार और मीना जातिका वाम बहुत है। ममस्त गुर्गा व पर, अगरेजने उन्हें ( खर्चकं लिए) वार्षिक हजार रुपये जिलेमें शोतला देवोकी पूजा ही अधिक प्रचलित है। देते थे । इमतिको लिभरी गाग्वा बहुत ही बलवान् जलको विशेष सुविधा नहीं रहनेसे १७८३ ई० १८०३ है, ये लोग हर ववत मुगेजातिकै माथ युद्ध करनमें लगे १८१२, १८१७, १८३३, १८३७, १८६० और १८६८ में रहते हैं। गुर्चनो ओर लिशरो जा'त पर्व तक सामने, मात बार दुर्भिक्ष पड़ा था। तथा ट्रेशुक जाति हन्दर और मिथ नकोटको बीचको परन्तु १७८३ ई०का महामारी टुर्भिक्ष आज भो ममतल भूमि पर वाम करती है। हिन्दस्थानियोंक हृदयमै जाग्रत् है। यहां चार दातव्य गुजे ( फा० पु० ) गदा, मोटा। चिकित्सालय है। गुर्जमार ( फा० पु. ) एक तरह मुमलमान फकीर । ___ २ प नावके गुर्गाव जिलेको तहमोल । यह अक्षा. यह मदा लोहगुज हाथमें लिये इधर उधर घूमता है। २८ १२ मे २०' ३३ उ० ओर देशा० ७६ ४२ मे ७७° गुजर ( म० पु. ) गुरु जयति ज णिच् प्रण । १ गुज १५ पू में अवस्थित है। भूपरिमाण ४१३ वर्गमील और रात देश। (सहादिस २ १।८) लोकसंख्या प्राय: १२५८६० है। इसमें गुर्गाव, मोहन गुजरात कहनेमे इम ममय बम्बई प्रमोडिन्मोके समुद्र और फरुखानगर नामक तोन शहर तथा २०७ ग्राम कूलवर्ती मम्प ण उत्तरांश अर्थात् उत्तरमोमाम राज- लगते हैं। तहमोनक उत्तरको जमोन उर्वर तथा पश्चिम पताना, दक्षिण कोकगा, पव विन्ध्य और पश्चिममें को बालुकामय है। मागर तकका बोध होता है । इमक भीतर सूरत, भड़ोंच, ३ उक्त जिले और तहमोलका प्रधान नगर । यह खेड़ा, पञ्चमहल, अहमदाबाद, बड़ोदा, महोकांटा, रेवा, अक्षा० २८२८ उ० और देशा० ७७२ पू० राजपताना पालनपुर, राधनपुर, बालामिनोर, काम्ब, दङ्ग, चौरार, मालवा रलवे गुर्गावष्ट मनसे ३ मीलको दूरी पर अव वांमदा, पेट, धरमपुर थरड़, मचीन, बमरवो आ द नगर स्थित है। इम नगरमे प्रायः १ मोल उत्तर पूर्व बहा- आते हैं। हमके मिवा इममें १८० क्षुद्र राज्यविशिष्ट दुरगढ़ जानकै राम्त पर एक स्तम्भ है। जिमकी ऊचाई। काठियावाड़ प्रदेश भो आता हैं। इन मबको लेकर ३ फुट, चोड़ाई १२६ ईञ्च ओर मोटाई ५ ईञ्चको हे।। गुजगतका भूपरिमाण प्राय: ४१५३६ बगेमाल होता यहां गोतला देवीका एक मन्दिर, एक मिडिल स्कल है। यहां गुजरातो, मराठा आर कनाड़ी भाषा चलती तथा १ चिकित्सालय है। गुचनी (हिं० स्त्रो० ) १ गहू और चना मिला हुआ ऊपर जिम प्रकार गुजरातका आकार लिस्खा मया अनाज। हैं, अमली गुजरात राज्य पहले उतना बड़ा नहीं था। २ भारतकं युक्तप्रान्तमें रहनेवालो एक अफगानजाति। उक्त स्थानों में गुजरवासो गुजरातियां के धीर धौर फैन्न इनमें कोई कोई समतल भूमि पर खेती बारी करते हैं। जानके कारण अम्तमें उक्त सभो जनपद गुजरातमें गिन और मभी लोग पर्वतों पर घूमा करते हैं। उक्त पर्वतो. जाने लगे। प्राचीन गुर्जर सुगष्ट्र, पानत, ..भरुकच्छ