पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४३४

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गुर्जर-गुर्जाल मिडाच) आदि जनपदीम पृथक् ही था, यह बात पुराण सभोसे यह स्थान दिलीक मोगल बादशाकि अधीन पादि प्राचीन ग्रन्थों और युय नचुआङ्ग भ्रमण-वृतान्त हुआ। सिन्ध-प्रदेशके अधिकार करनेके उपरान्त यह से भली भांति मान्लम हो जाती है। प्राचीन गुर्जर वर्तः स्थान भी अंग्रेजी राज्यमें शामिल हो गया। मान बड़ोदा, खेड़ा और जावरा जिल के उत्तरमे राजा (बह,०) गुर्जगेऽभिजनोऽस्य गुर्जर अण बहु त्वं तस्य पूताना दक्षिणमीमा तक विस्तृत था: अब भी उक्त लुक् । २ गुजरदेशवासी, गुजरातक रहनेवाले। प्रदेशको गुजरात कहते हैं। ७वीं शताब्दीमें जब चीन ३ गुजरातवासी ब्राह्मणीका एक भेद, पञ्चद्राबिड़ोंमें : परिणाजक युये नचुआङ्ग ( क्य चेलो ) गुर्जर राज्यमें एकतम । ( मधाद्रि २।१।२ ) गुर्जर नामक स्थानमें रहने भार्य थे, तब इमका भूपरिमाण ५००० लो अर्थात् प्रायः कारण इनका गुर्जर नाम पड़ा है। इनमें ८४ श्रेणियां ४.० कोम था। उस समय यहां बीस वर्षकी उम्रवाले हैं। यथा- एक क्षत्रिय राजा राज्य करते थे, जिनकी राजानो पि अक्षमाला, अगस्त्यवाल, अनवाल, रतावाल, उने- लोमो-लो अर्थात् राजपूतानास्थ बालम रमें थो। ईमा- वाल, उदुम्बरा, कनोजिया, कन्दोलिया, कपिला, करखे- की प्वीं शताब्दोमें गुर्जरमें चापोत्कट राजाओं का अभ्य - लिया, करोरा, कलिङ्गा, खरयता, खेड़ावाल, गङ्गापुत्रा, दय हुआ। इन चाप'कट वश के राज बनराजने गुज गयावाल, गर्गवी, गिरनारा, गुर्जरगोरा, गुगला, गोमती- रातकी राजधानी अहिलपत्तनमें स्थापित को। ६६८ वाल, गोमित्रा, गोरवाल, चतुर्वेदीमोड़, चंवेश, चित्रोरा, विकामसंबतम गुजेरराजा चालक्य राजाओंके हाथमें जम्ब , झरोन्ना, तनोरिया, तलिङ्गा, तिलोक, तिलो- पाया। चापात्कट पार चालय दवा । कीय, उदीच्य, त्रिवाड़ीमेवारा, त्रिवेडामाड़, दधीच, वि० सं० १३०२ में बधेलाच शोय चौमलदेवने गुज़र दाहिया, दीमावाल, द्राविड़ा, नग्मामपरा, नादोदर पर अधिकार पाया। उसके बाद इनके पुत्रादि क्रमसे नापना, नाम दिक निदवाना, पगोरा, पर्यालिया, पानी पजुनदेव, मारङ्गदेव और कण देवने कुल ५८ वर्ष वाल, पुरवाल पुष्करणा, प्रतवाल, भड़मबावा, मनोरिया, राजा किया। पोके सुलतान अलाउद्दीनने गुर्जर अधि भरहाना, मरोवा, मालवी, मारु, मरतवान, मोतमंत्रा, कार किया। इन पछि उदय खनि २५ वर्ष, सुलतान मोताला, याजिकवाल, राजवान, रायपुरा, रायकोवाल, मुजफफरने १८ वर्ष, सुलतान अहमदने ३२ वर्ष रोरवाल, लल्लाठ, बड़नगर, बिमनगर, बयड़ा, बरकारा, ७ महोने ७ दिन ( इन्होंने अहमदाबाद बमाया था ), बन्नोदरा, वाल्मीक, विष्णोदरा, शिहोराउदीच्य, सनो- सुलतान कुतुब उद् दोनने १० वर्ष ५ माम ६ दिन, सुल- रिया, सजोदुरा, मथोदरा, मनोबिया, महचोरा, महस्र- तान दाउदशाहने ३६ वर्ष, ( मम्वत् १५७८ में ) सुन- उदीच्य, सारस्वत, मिन्दुवाल, श्रीगोड़ा, श्रीमाला. मोमपरा, तान' सिकन्दरने ८ दिन, ( मं० १५८२ में ) बादशाह सोरठिया और हरसोग । गजरातो वाताव । महमूदने १ माम १० दिन और इनके बाद बादशाह गुजरी ( म० स्त्री० ) गुर्जर उत्पादकत्वेन अस्त्यस्य गुर्जर बहादुरले १० वर्ष राजा किया था। इन बहादुर शाहने अच बार लकात् डीप । १ रागिणीविशेष । प्राचीन गुबरराजा बहत कुछ बढ़ाया था। इनके बाद मोगल- मङ्गोतवत्ताने इसे भैरव रागको महचरी कह कर वण न सबाट मायूं ८ महीने गुजरातम. आ कर रहे थे। किया है । (माताप • गग० १४) दर्पणकारका मत है कि पौरादुरने अधिकार पाया, किन्तु ममुद्रमें उनको ग्रीष्म ऋतुमें भैरवरागके साथ यह रागिणो गान करना मुलाकी गई । १५६३ मम्बत्म बादशाह मुहम्मद राजा उचित है। प्रातः कालके एक प्रहरके बाद यह गगिणी हरपीर उन्होंने १७ वर्ष राज्य किया। बहरा मामक गान गाया जाता है। २ गुजरात देशकी स्त्रो। बि बैंक घातकके हाथ इनको मृत्य, हई । १६१७ गुर्जाल-कपणा जिले के अन्तर्गत एक ग्राम । यह दारे सम्म जफफर मारबाहए । इनके ममयम प्रक- पल्लीसे ८ मील दक्षिण पश्चिममें अवस्थित है। "पलनाड़ बरसानाहने पा कर गुजरात दखल कर लिया। वीर" नामक ग्रन्थमें इसका प्राचीन नाम पलमाड़ लिखा