पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४४

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खिलाफत मां, अपनी महिलाओं और खवाजीको मौंप रखा था।| कप्तान तूजून्न ८४४ ई.को खलीफाकी आंखें निक- इन्होंने खजानका खब रुपया उड़ाया और अमीर आद- लवा लीं। मियोंको लूटा मारा। ८२३ ई०को कारमेथीयोंने बमरा २२ मुमतकफोको रकम ---- तूज कन मुतकीका उत्तराधि- दखल किया और इसके दूमरे हो वर्ष मक्कासे लौटते एक कारी मुकतफीके लड़के अन्न् मुसतकफी बिल्लाको चुना कारवाको दबा लिया था। फिर कूफा उनके हाथ लग था। ८४५ ई०को एक बईद सरदारने बगदाद आक्रमण . गया। बगदाद मरकारने कारमेथीयोंको दवाना चाहा किया और खलीफान उन्हें सुलतान उपाधिक अनुसार था, परन्तु उन्होंने (८२७ ई०) एक बड़ी फौजको हगया सम्राट मान लिया । फिर खलीफार्क माजिश करने पर और बगदाद पर भी अपना हाथ बढ़ाया। दूमरे वर्ष उन्होंने इनकी आंखें फोडवा डाली। मक्का नट लिया गया। दुश्मन काला पत्थर भी लहामा ५२ माताको मिला... -मुसतकफोक पोछे मोकतादिर- उठा ले गये, परन्तु ८५० ई०को इमामक कहनसे वह के एक लड़के अल्मोती बिना खिलाफतक मालिक हुए। काब वापम आया ८.२८ ई०को मोकतादिरको यह नाममात्रको ही खलीफा रहे, रियासतका सब तखतसे उतारने की माजिश हुई, परन्तु उनके सेनापति काम सुलतान करत और इन्हें ५०००० दिरहम रोज़ मनिमन उन्हें अपने घर ले जाकर छिपा रखा। फिर पेनशन देत थे। फिर तुर्की सिपाहियोंने बलवा मचा वह गही बैठाले गये थे । ८३२ ई०को मूनिम अपन दिया और ८७४ ई०क अगस्त माम मोतीको तखतम खिलाफ माजिश होते देख मोमल चले गये और वहांसे उतार निकाल बाहर किया। बहुतमी फौज इकट्ठी करक बगदाद पर चढ़े । अकतूवर २४ ताई का अधिकार मोती खलीफाका खाली खिताब मामको जो युष्त हुआ, मोकतादिर मारे गये। मरते वक्त अपने बेटे ताईको दे गये थे, जिन्हें तुर्कीन तखत नशीन इनकी उम्र ३८ वर्ष थो। किया। उधर बगदादम अब्द उद दोगन बतियारका १९ काहिरका हकूमत -मोकतादिरके खेत रहन पर उत्तराधिकार पाया था। इन राजाक समय बुईदोको . काहिर खलीफा बने थे। यह शराबी थे और अपन खर्च ताकत बहुत बढ़ी। उन्होंने, जहां तक हो मका गिरी के लिये लोगोंकी जायदादें जबत् करक रुपया वसूल हुई मसजिदी और टूमरी इमारतीको मरम्मत करायो, करते थे। किन्तु ८३४ ई०के अपरल महीने इनकी आखं अस्पताल तथा पुस्तकालय स्थापित किये और आब- फोड डाली गयौं और तख्तसे उतार दिये गये, मात पाशीको तरकी दी। शोराजमें उन्होंने जो पस्तकालय वर्ष पीछे गुर्बतमें इनके प्राण निकले। खोला था, जगत्का एक आश्चर्य रहा। उन्होंन करबलामें ... २० रादीका राजत्व-काहिरक मरने पर मोकता हुसेन और कूफामें अलीका मकबरा भी बनवाया था। दिरके बेटे अल् रादी बिल्लाने खिलाफत पायी थी। इनकी किन्तु ८८३ ई०को उनके मरन पर उनके तीनों लडके ताकत देखने लायक रही। खजाना खाली था, मिपाही आपसमें लड़न लगे । ८८० ई०को छोटे लड़कं बाहा- तनखाह मांगते थे और बगदादमें बलवा उठ खड़ा उद्दौला जीते और उन्होंने खलीफा ताईको •हुआ था । (८८१ ई. ) तखतसे उतार दिया। ... मुजाका ।म 14--2.४० ई०को रादीक मरने पर २५ कादिर को हुक्मन -फिर मोकतादिरके एक पोते मोकतादिरके दूसरे लड़के अन्न मुत्तकोबिल्ला खलीफा अल कादिर बिलार्क नाम पर खलीफा बनाये। ८७६ हुए । बसराके किसी बरीदीने धवा करक बगदाद दखल ई०को सुबकतगीनने मीजिस्तानक बोस्त और बलचि- किया था, किन्तु सेनापति कुर्तकीनने उमे निकाल भगाया। स्तानकै कोसदारको अधिकार किया और भारतकै राजा बरीदीक फिर बगदाद पर चढ़नसे मुतकौन मोसल दयाषालको हरा दिया था। वह सिन्धुके पश्चिम प्रान्तक 'भाग नसीर-उद-दौलाको पनाह ली, जिन्होंने जाकर राजा माने गये। उनके मरने पर उनके बेटे महमूदन बगदादसे बरीदीको हटाया था। परन्तु बजकमके पहले सारा खुरासान और मीजिस्तान साथ भारतके एक बड़े