पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४६

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३४ खिलाफत १५ जाहिरा रा. नासिरके मरने पौछ उनके बेट | नाम पर खिलाफतस अलग कर दिया ।। १५३८ इ०का जाहिर खलीफा हुए, परन्तु १२२६ ई०के मार्च मास कैरोमें वह मर गये। मर गये। ___ अब्बामी धरानके दूसरी वारिस मुस्तनमिारके पोते १६ सपतासिरको मिलशियन- जाहिरके पीछे १२४२ ई०के मुहम्मदन पछिको भारत अपनाहली थी। दिल्ली सुल- दिमम्बर माम तक मुस्तनमिरने खिलाफत की, जब तानने उन्हें बड़ी इज्जतसे बिठाया, 'मखदूमजादा' कि वह भी चल बसे । १२२७ ई०को जङ्गीज खान् मरे, बनाया और राजा जैमा व्यवहार लगाया था। इनके परन्तु मङ्गोलीय खिलाफत पर हमला करनेसे न रुके। लड़के बगदादमें १ दिरम रोज पर इमामका काम खोवाके अतिरिक्त राजा जलालुद्दीन् उनसे बराबर लड़ते करते थे । रहे। खिलागे बम्बई प्रदेशके एक जातीय गोरू या मवेशी। २० मतमिमको एकमत-अपने बाप मुस्तनसिरके मरने दाक्षिणात्यस्थ खानदेशके पश्चिम अञ्चलमें खिलारी नामक पर मुस्तसिमको खिलाफत मिली थी। यह बगदादके गोपालक रहते हैं। उन्होंके नाम पर इन पशुओंको भी आखिरी खन्नीफा रहे इनके रहनुमा अच्छ आदमी थे। खिलारी कहा जाता है। यह देखने में बहुत सुन्दर, १२५६ ई०के जनवरी महीने हलाकूने ओक्सस नदीको | बलवान् और द्रुतगामी होते हैं। इनका पवादि ज्ञान पार किया और इस्माइलियों की किलेबन्दीको गिराना इतना तीक्षण है, जिस कामके सिखनाते, मानो सहजमें शुरू कर दिया था। फिर १२५८ ई०के जनवरी मास वह ही समझ जाते हैं। खिलारी बैलोको एक जोड़ी इमोल खिलाफतको राजधानी बगदादके पास आ पहुंचे। घण्टं के हिसाबसे दो-तीन दिन तक बराबर गाड़ी खों मुस्तमिमने बेफायदा आरजूमिन्नतके साथ सुलह करने- मकती है। गायोका रङ्ग दूध जैसा सफेद रहता और को कहा था । शहरमें लुटपाट और मारकाट मच गयो। बैलकि कन्धोंके पास थोड़ी ललाईका मेल्ल रहता है । खलीफा मारी छिपी हुई दौलत लानको मजबूर किये मौंग मोटे और मौध होते हैं। केवल गायके मौंग टेढ़े- और पीछे अपने २ बेटों और बहुतसे रिश्तेदारों के माथ मेढ़े चलते हैं। मतारे और पण्टर-पुरके बीच पहाड़ी मार डाले गये। सार्वजनिक भवनों में आग लगी थी।। प्रदेश में इन पशुओंकी जन्मभूमि है। इन्होंके माथ अब्बासियांकी पूर्वीय खिलाफत खत्म हुई, | खिलान्न ( हि० पु. ) बाजीकी परी हार । यह ताश वगै- जो अबुल अब्बामके कूफार्म दाखिल होने के समयसे ५२४ / रहक खेलमें हुआ करता है। वर्ष तक बराबर चलती रही। | खिलाह (सं० पु० ) अश्वभेद, किसी किस्मका घोड़ा। तीन वर्ष पीछे अबुम्ल कासिमने जो भाग कर मिसरमै | यह पाण्ड कमरपुच्छ और कपिलवर्ण होता है । ( यदत्त ) जा छिपे थे, बेफायदा अब्बामियोंकी खिलाफतको वापस खिलौकत ( म० त्रि.) खिलचि क-क्त । १ दुर्गम बनाया लाना चाहा। वह एक फौज लेकर बगदाद पर चढ़े, हुआ, जो आने जानके लिये मुश्किल कर दिया गया । परन्तु राहमें ही वह युद्ध होने पर हारे और मार डाले | हो । २ निरुद्ध, घिरा हुआ । गये। यह अल मुस्तनसिर बिल्ला नामसे खलीफा बन खिलीभूत (सं० वि० ) खिल-चि-भू-त । दुर्गम बना हुआ, चुके थे। अब्बामियोंकि कोई दूमरे वंशधर भी मिमरमें | जो आने जानेके लिये मुश्किल हो गया हो। जा छिपे थे। कैरोमें वह अन्न् हाकिम नामसे खलीफा | खिलेयु (सं० पु०) खिलस्य हरीविष्णोर्गुणो यत्र, बहबी। विजीवित हुए। उनके लड़कोंको भी खलीफाका | हरिवंश । ( हार समाग्निपुष्पिका ) खिताब मिला था, परन्तु किमीका कुछ प्रभाव न पड़ा। खिलौना ( हिं० पु० ) क्रीड़ाद्रव्य, खेलको जगह। यह पिको यह नाजुक हालत बहुत दिन तक चलती। बच्चोंके खेलनेको लकड़ी, मोम, मट्टी, कपड़े आदिसे र को तुर्कस्तानके सुलतान १म सलेमन मिसर- बनाया जाता है। लखमजके खिलौने मशहूर हैं। को फतेह करके आखिरी खलीफा मुतवक्किलको अपने । खिलौरी (हिं. स्त्री०) धनिया, खरबूजा, ककड़ी वगैरह