पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/७८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

खेमख-बैरंगली आक्रमण किया गया । १८७८ ई०को सर नेवली चैम्बर । कण्ठ तथा चञ्चका वर्ण किञ्चित् खैत रहता है। • लेनने जो किलतासूचक दल अमौर शेर अली खाँके पास खैर ( फा० स्त्री० ) १ कुशल, भलाई, चैन । (अवा०) भेजा था, अली मसजिदमें एक रहा। उसे धमकाया। २ अस्तु, अच्छा, भला। ३ क्या चिन्ता. परवा नहीं, और हटाया गया था। इस पर खबरकी राह अंगरेजोंने | छोड़ो। तोमरो बार काबुल पर चढ़ाई को ' १८७८ ई० को सन्धिके खैर-यक्तप्रदेशक अलीगड़ जिलाके पश्चिम विभागमें एक अनसार खैबरके लोग अगरेजो अधिकारमें आये अब तहसील। इसके पथिममें यमना नदी है। खैर तहसी- खैबर घाटी ख ली रहती और मशाहमें दो बार काख लके भीतर तीन परगना हैं। तथा खैर चन्दोमी, और आमदरफ तक लिये फौज पहरा दिया करती है । तप्पल यह अक्षा० २७°५१ ' खबरकी पोलिटिकल एजन्सीकै उत्तर काबुल नदी एव' २८११ उ. और देशा० ७७ २८ तथा १८१° पू०के मध्य अवस्थित है। तथा सफेद कोह पहाड़, पूर्व पेशावर जिला, दक्षिण क्षेत्रफल ४०७ वग मील है। लोकसंख्या १७८८६७हैं। प्रकाखिल और गोरकजाई देश और पश्चिमको चकमनी इस तहसीलम २७२ ग्राम और तीनशहर है। इसका तथा मसूजाई देश है । प्रकृत पक्षम' जमरूद और लगडी प्रधान नगर खैर अलीग मे १४ मोल उत्तर-पश्चिम है। कातलक बीच खबर पर शिनवारियों, जक्काखेल, कूकी यहां की आमदनी ४७७००० रु० हैं। इस तहसीलमें खेल और ओरकजाइयोंका अधिकार रहा। परन्तु मिख बहुत जगह खादर मैदान है। जहां बड़ी बड़ी घासके राज्य बदन पर अफरोदियान यह प्रान्त उनसे छीन अतिरिक्त और कुछ उत्पन्न नहीं होता है । इस मैदानमें लिया। बहुतमे जङ्गली शूकर पाये जाते हैं। १८८७ ई० अगस्त मासको अफरोदियाने खं बरकी. ..फोगा पर आक्रमण किया और लगडोकोतलको सुर- खर दम तहसीलम ४ थाने और १ फौजदारी अदालत भाषाए प्रचलित है। खर तहमोल प्रधान नगरका नाम भी खैर ही है। पापा.... :- मालकामय है। गहू और इसमें तहमोल दारी, थाना, मुन्सिफी, डाक खाना और क्षित सरायको तोड़ फोड़ दिया था। परन्तुगह और क..। इसमें तहमोल टा। अक़ताबर मासको जो मन्धि हुई, अफरीदियौन अंगरे- | मदरसामा पलिस और मफाईका न जोको छोड़ करक किमी दूमरे राजास सम्बन्ध न रख- | निकालनको प्रत्ये क घर पीछे एक कर लगता है। १८५. .. मकी प्रतिज्ञा की और मरक तथा रेल निकलने पर ई०को सिपाहियोंने जब विद्रोह उठाया था, चौहानोंने कोई आपत्ति न करनको मम्मत हो गये। इस नगरको अधिकार किया और राव भूपालसिंहको खैमख (सं० पु०) खे आकाशे कतवो मखः, स्वाथै अन् । । राजा बना दिया परन्तु जून मामके प्रथम ही आगरेके पाकाश कतवा यज्ञ विशेष । ( प ४।१५।१५) मिख-मेनादलने खैर नगर आक्रमण करके राजाको पकड़ खैर (हि. पु० ) १ खदिरवृक्ष, वबूलको जातिका कोई लिया और सेनिक अदालतने विचार करके उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया। कई दिनों पीछे चौहानोंने जाटोंके साथ पेड़। यह अति वृहत् रहता और लगभग सम्म र्ण भारतमें प्रचुर परिमाणसे उपजता है। इसका भीतरी सम्मिलित हो नगर आक्रमण और महाजनी कोठीको काष्ठ भूरा होता, कम धुनता और गृहनिर्माण तथा | लुण्ठन किया था । शेषको उन्होंने नगरके ग्रहादि तोड कषियन्त्रोंमें लगता है। खैरका डण्डा बहुत अच्छा फोड़ भूमिसात् कर दिये। समझा जाता है। इसमें उपयोगी गोंद निकलता। खर आफियत ( फा० स्त्री० ) क्षेमकुशल, चैनचान, राजी खशी। २ खैरकी लकड़ीका जमा हुत्रा रस, कत्था यह खदिर काष्ठखण्डोंको उबालनेसे निकलता है। ३ पक्षिविशेष, खेरखाह ( फा० वि० ) शुभचिन्तक, भला चाहनेवाला। कोई चिड़िया । इसका रङ्ग भूरा और दध्य एक वित्ता खैरखाही ( फा० स्त्री० ) शभचिन्तको, भला मनानेको होता है। खैर दाक्षिणात्यमें कुटीरों वा क्षुद्र वृक्षों हालत।। पर घासला लगाता और उसको भूमितक पहुंचाता है। खरगती-उत्तर-पश्चिम सोमान्स प्रदेशके हजारा जिलेका