पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/११४

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महम्मद शाह . चाहता है ; खड़ा हो फर हैदरको यात सुगने लगा। सैयद अबदुल्ला अपने भाईफे मरनेको सवर पाकर हैदरने इतमादुद्दौलाको कितनी शिकायतें कर एक दर- पड़ा दुःखित हुआ। दिल्लोके अमीर उगरायोको हायम . खास्त हुसेनके हाथमें दी। इस दरखास्तको ले कर कर यादशाहकै विरुद्ध भस्न उठानेका दृढ़ निश्चय किया। हुसैन अली पढ़ने लगा, इस समय हुसेनके देह-रक्षक उधर हुसेन अलोके मरने पर दिल्लोके जमीदारों ने अब भी अलग दूर खड़े थे। मौका देख कर हैदर खाने दुल्लाके विरुद्ध सर उठाया। घे सैयदोंको जो. कुछ हुसेन पर आक्रमण कर दिया । इसीको तलयारको चोट चीजें पाते, वह लूट लेते थे । खैर, इससे अदद ल हुसेन खानेसे ही इसका प्राणान्त हो गया। . दयनेवाला आदमो न था। उसने तुरन्त ही दिलोके हुसेनका भांजा नुरूल्ला भी साथ ही था। गुरूल्लाको । सूबेदार नजिमुद्दीन को वर भेजी, कि बहुत जल्द . तलवारसे हैदरका खातमा हुआ। इस समय चारों । सेना तय्यार करो। गजिमुहीन लान राजकार्य चलाने . ओर अशान्ति मच गई। मुगल सैयदोंको सैन्य पर लिपे व्यवस्था ठीक करने के लिये अबुल हुसेनके शाद. : गोली और तीर वरसाने लगे। यह दारण समाचार मियोंको जहान्दार शाहके पुत्रोंके पास भेज दिया। पा कर हुसेनका भतीजा इजत खां तुरन्त ही अपने हाथों किन्तु उन सबोंन सयदको वातीका जरा भी एयाल न , पर चढ़ पांच सौ घुड़सवारोंके साथ पादशाहके खेमेको किया । अन्त में रफ़ो-उस शानके पुत्र सुलतान इब्राहिमने ओर बढ़ा। वादशाद होने और सैयदोकी रक्षा करनेका भार लेना ____ वादशाहको सातरेमें समझ स्यादत खां इतमादु- स्वीकार किया। सन् ११३२ हिजरी (सन् १७२०६०)में द्दौलाकी सलाहसे गादशाहके पास पहुंचा । स्यादतको स्वीं जिलहजको सुलतान इब्राहिम अयुल फतेह, जदी.. वादशाहको माताने वादशाहके पास जानेसे रोका, किन्तु | रद्दीन महम्मद इब्राहिम नामसे दिल्लीफे तस्त पर बैठा।। स्थादत रुका नहीं और उसने बादशाहके पास पहुंच इसके दो दिन बाद सैयद अवदुला हुसैनको अमीर- . उसे थाहर ला कर पतमादुदोलाके हाथी पर बैठाया।। कुमार और आठ हजारी मनसबदारी, नजिमुद्दीन खांको विश्वासी और प्रभुभक्तकी तरह पतमोदुद्दौला वादशाहकी दूसरा दख्शी, सलावत खांको तीसरा याणशी और . रक्षा करने लगा। पड़े, सैयद पक्षको फौजोंने इजत खा- येराम खांको चौथा घण्शी यनायां । कैदखाने जो की अधीनतामें मुगलों पर भाक्रमण किया। वादशाहकी और अमोर सड़ते थे, वे सब छोड़ दिये गये। तथा नये ओरसे भी प्रत्याक्रमण होने लगा। मुगल सैन्य और बादशाहके हुपम ऊचे ओहदों पर फिर बहाल किये सैयद सैन्यके बीच कुछ देर तक लड़ाई होती रही। गोलो गये। ८०) मासिक वेतन पर घुड़सवार सैनिक भत्तों की चोट खा कर इजत तां मर गया । इसके बाद उसको होने लगे। बहुतेरे सैनिक भत्ती करने के लिये चालीस . फौजे भी भाग खड़ी हुई। महम्मद शाहकी जय हुई।। पचास हजार रुपया पेशगों तौर पर भी यांटा गया। ___ वादशाह अपने खेमे में लौट भाये। एतमादुद्दौला- उधर महम्मद शाहकी भो इन सब बातोंकी राबर ने उदारता पूर्वक रतनचन्दको युला भेजा। राहमें कितने . लग चुकी थी। उन्होंने अपनी फौजोंको लेकर दिल्लीको हो मुगलोंसे ये यच कर पहुंचे । एतमादुद्दौलाने प्राणदण्ड ओर बढ़ना शुरू किया । सैयद गब्दुल हुसैनको फौजी- न देकर उसे कैद कर लिया। राय शिरोमणि. दास को कितने ही सिपाही वादशाह महम्मद नाइको TE कायस्य अपना शिर मण्डन कर संन्यासी/. फौजोंम मत्ती हो गये थे। किन्तु उन्होंने जब देखासिक पन कर मुगलोंसे यचा। यह सैयदोंका मायय था। सैयद फिर अपनी फौज ले महम्मद शाह पर पढ़ाई . ' एतमादुहौलाको आठ हजारी मनसबदारी, आठ करने आ रहा है। तव घे सब दलफे दल महम्मद शाह- हजारो दुमास्य और वजीर-पद मिला। जिस जिसने ' को फौजोंसे निकल दिल्ली पहुंच सैयदकी फौज में मिल यादशाहका साथ दिया था, उसको उसको घेतन वृद्धि गपे। . . ' ' .:: .. १श्यों महर्रमको अवदुल हुसैनने अपनी फौजीक । .