महमूदशाह (२य )-महमूदवादः ३१७ मुजफ्फर इस पातको ताड़ गया और सन्धिके ,बदले में | -का हुकुम दे दिया। किसी किसी इतिहासमें लिखा है कि . माण्डुदुर्गको अधिकार कर लिया। युद्धमें बहुँतसे हिंदू । जव वे वन्दोभाव चम्पानेरदुर्ग लिवाये जा रहे थे। तंव मारे गये थे।। अवे महमूद फिरसे मालपके सिंहासन | राहमें वे चाहे गुप्तमावसे मारे गये अथया स्वयं मृत्यु
- - पर चैठे। : , ... ...: मुखमें पतित हुए। उनके मरने पर मालेचरान गुज-
१०२५ हिजरी सुलतानामहमूद खिलजीने सरदार रात राज्यमें मिला लिया गया। इसके बाद गुजरातके 'भीमकर्णको गगरोन सरकार जीतनेके लिये भेजा । युद्धः अधीनस्थ शासनकर्ता कादर खां, सुजा खां और धाज में भीमकर्ण बन्दी और मारा गया, इसी सूतसे राणा- यहादुरने मालवराज्यका शासन किया। ७. ई० में 7 के साथ उनका झगड़ा हुआ। राणासङ्ग उन्हें बन्दी । वाजवहादुरके हाथ मालयराज्य मुगलबादशाह मकवर करके चित्तोर ले. गये। चित्तोरमें जव जखम, अच्छा | शाहफे हाथ लगा। - - हुमा, तब राणाने उन्हें सम्मानपूर्वक माण्डदुर्ग में मेज ! मह मूंदशाह-तैमुरशाहका लडका । महम्मद शाह देखो। दिया। . , ... T... महमूदशाह (१म और श्य) दाक्षिणात्यके घाझनो वंशके ..'१५२१ ई०में उन्होंने फिरसे मेवार राज्योंके कुछ दो मुसलमान सुलतान। अशोको लूटा । अनन्तर घे शिवास और शिलहारीके | मदम्मद शाह और बाझनीव'श देखो। शासनकर्ता तथा सिकन्दर खोके- प्राण लेनेको उतारू | महमूदशाह (१म )--गुजरातके एक सुलतान । हो गये। उनके इस आचरणसे विरक्त हो. सुलतान । ' महमूद विगाड़ा देखो। बहादुर शाहने उनको बड़ी निन्दा की। किन्तु महमूदने महमूदशाह (श्य )-गुर्जरपति मुजफ्फर शाहके पुत्र । इसको जरा भी परवाह न की। उन्होंने • गुर्जरपतिके य महमूद शाह देखो। "साथ मुलाकात के लिये राजी होने पर भी अपनी प्रतिज्ञा ! मह मूदशाह (३५) गुजरातके एक राजा, लतीफ खाका पूरी नहीं की। सुलतान बहादुरशाहने उनके इस प्रकार लड़का। महम्मद शाह ३य देखो। लौट जानेसे अपनेको बड़ा अपमानित समझा। इसका ) महमूदशाह (१म)-मालवका खिलजोर्वशीय एक राजा । षदला लेनेके लिये उन्होंने माण्डु नगरमें घेरा डाल दिया .. . महमूद खा खिलजी देखो। गुजराती : सेनायाहिनीके विरुद्ध युद्ध करना असम्भव महमूदशाह ( श्य)-मालवराज नासिरद्दोनका लड़का । जान कर वे आत्मसमर्पण करनेको पाध्यः हुए। इसके महम्मद शाह स देखो। • पादचे पुत्र समेत यन्दी भावमें गुजरात, लाये गये। महमूदशाह पूरवी-महम्मद शाह, पूरवी देखो। " उनको मृत्युके सम्बन्ध विभिन्न इतिहासमें विभिन्न | मह मूदशाह शकों-जौनपुरका एक सुलतान !; घटनाका उल्लेख है। मीरट-इ.सिकन्दरी पढ़नेसे मालूम ; ... । ... महम्मद शाई शी देखो । होता है, कि महमूद खिलजी, गुजराती सेनानायकसे मह मूदशाह तुगलक-महम्मद खा तुगलक देखो। परिगृत्त हो कर गुजरात जा रहे थे। दाहोड़. पहुंचने महमूद सुलतान (.१म और श्य)-कुस्तुनतुनियाकै दो पर धांगड़पुरके.राजा उदयसिंहने उन्हें'. उद्धार करनेकी | ; वादशाह । महम्मद मुलतान १म और श्य देखो ! इच्छासे अपनी कोली सेनाको साथ ले उनका मुकाबला | महमूदवाद-१ अयोध्या- प्रदेशके सीतापुर, जिलान्तर्गत किया। रक्षीदलने अपनेको इस प्रकार अतर्कित आफ-1पक-परगना | इसका भू-परिमाण : ३६७ वर्गमील है। मणसे पराजित समझ सुलतान महमूदको मार डाला। २ उक्त जिलान्तर्गत एक नगर । यह अक्षा० २७.१४ तारीख-इ-अफवरी और तारीख-इ-असेफी · पढ़नेसे | उ० तथा देशा० ८५ ४: पू० सीतापुरसे.. बहरामघाट • मालूम होता है, कि रणमें हार खा कर उन्होंने जानेके रास्तेमें अवस्थित है । जनसंख्या -८६६४ है। । यहादुरशाहको , तोखी :. तोखी बातें कही थी। इस यहां पोतलके : वरतनका विस्तृत कारोवार है। यहां पर सुलतानको बड़ी.गुस्सा.आई.। उन्होंने प्राणदेण्ड-1 सप्ताहमें दो दिन बड़ी हाट लगती है। ढाई सौ वर्ष Vol. III, so