मुकदमेबाज-मुकुट II पर दर दिलानेर लिपे तिमोके पिस्ट न्यापा. : मुकल ( सं०३०) ! मरण, ममन्नताम । २ गुणुन्छ ।' गौ कावा, नालिया गुरुप्यो । अ० वि० ) वलये क. पुष्टिकारकः । मुकदमेगाम ( RE पु०) यद जो प्रायः मुकदमे लड़ा मुकापला ( म० पु० १ १ भामना मामना। २Bउमेष्ठ । भरता। , ३ समानता, परा र । ४ तुलना । ५मिलान । ६ विरोध, गुदमेवाओं (काली) मुकदमा लनेका काम। लड़ाई। मुहम (मगि०) मानीन, पुराना। २ मर्यभ्रेष्ठ । ३ मुकाविल (अहि.पि.) मात्र, मामने। (वि०) भायध्यक, जगी। (३०) ४ मुगिया, नेता। ५गन : २ मामनेवाला। ३ ममान, पराबका । (पु.)४ का ऊपरी भाग जो फोमे जुपा हो। । प्रतिद्वन्द्वी ! ५ शत्रु, दुश्मन। मुकदमा (१० पु. १ पदमा दयो । मुकाम ( २० पु० ) १ टहरने का पान. टिकान । २ ठद. मुकदर (00 पु०) प्रारब्ध, भाग्य। । रनेकी किया, पिराम। ३ ठहरनेका स्थान, घर। ५ मुकदास ( म०पि०) पवित्र, पाक । | अवसर, मौका । ५ मरोदका कोई परदा। मुरुना ( दि. पु. ) गाना देगे। मुसामा-पटना जिलेये. अन्तर्गत एक नगर । मोकामा देखो। मुकम्मल (अगि०) पूरा फिया हुमा, सब तरहसे मुफियल (दि० पु.) एक प्रकारका नाम। इसे गल नेवार । पांम या विधुली भी कहते हैं। मुकाना (दि. मिथ) कोई बात कर फर उमसे फिर जाना, मुछिपाना (हिं० मि० ) १ किसी गरीरमै मुशियोंसे मरना। (पु.)२ कर कर मुकर जानेयाला, यह जो बार बार भाघात करना। ऐसा करनेसे अगोंको सिपि. को भोर मुकर जाय। लता दूर होती है । २ माटा गुपनेके बाद उसे गरम मुझनो हि० स्त्री०) मुकरी या कह-मुकरी नामक करने लिपे मुकियों में वारपार दबाना , ३ गुणा पिता। स्टगाना या मारना, घूस लगाना । मुकराना (दि० मि०) दुसरेको मुकरने में प्रवृत्त करना। मुकिर (३० यि० ) १ प्रतिमा करयाना। किसी २मरेको अठा बनाना । एस्ताये या जीवापे माविका लिपनवाला। मुकरी (Rो चार चरणोशी पक कथिता। इसके मुक (म0पु0) मुग बारकाम् कु., पृोदरादिस्यात् प्रथम सोन चरण ऐसे होते हैं जिनका भागय दो जगा साधुः। १ मुक्ति, मोश। २ गुरकारा, रिशा।' घर माना है। इनसे प्रत्यक्षरूपसे शिम पदार्यका मुकर ( स ० ) मो मायाति मकि उटन् गलो. भागय निकलता है, गाये रण में किसी पदार्यका नाम पश्न । स्यमामगपात निरोपण । पर्याय--किरोय, ले कर उसमे मार कर दिया जाता है। हम प्रशार मौलि, फोटोर, जीप, मकुट मीलोक, शेगार, पयतम, मानों को हुई यातसे मुकरते हुए कुछ भीर ही अमिः। यतम, उत्तंस, उपयोग, फोटोरक। प्राय प्रार किया जाता है। अमीर मुनरोने इस प्रकार ___ "ate मुफुट मोगत्पितानि पर्यापन ।" पछुन मोमकरियों की है। इस मन्तमें सधि सद (मामा० १३०१८) रहने के कारण लोग से मार्ग या मगिया मी करत है। प्राचीन काल रामा मुगुर पारण किया करते थे। मुकरर (म. मियि) दोपरा, फिरसे । यह प्रायः योनमें गा धौर फंगुरेदार होता था। यह मुकर ( म० वि०) १ निस्मय, जो टहराया गया हो। २) मोने, गांदो मार गुमूल्य धातुपोंका और शमी कमी सटिन भी होता था। पदमाये पर मागेको मोर मुरारी (श्री) १ मांग होगी मिया या माय परपणे बांध देगे। म कमी कमा किर २मालगु, मिपत राजकर। निकन पंतन यानि भी गोमा मागा या । २ पुरानानुसार एक देगा मादि। नाम । ( ३५फ मागला .
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/७८४
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