पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/८०४

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मुक्ता आशाको उलङ्घन न करे इसके लिये यहां एक सरकारी विलायती इक्नेवाले अधिक देर तक पानीके भीतर रह जहाज लङ्गर डाले रहता है। सीप -निकालनेमें वही सकते हैं। इन सुविधाओं के अभावके कारण ही नाव काममें लाई जाती है जो तीन चार सौ मन देशी गोताखोर दो मिनटसे अधिक पानीके अन्दर नहीं . . तक भार वहन कर सकता है। एक एक नाव पर १३ रह सकते। जो अधिक सीप निकालता है यह मधिक मल्लाह और १० इवनेवाले रहते हैं। पांच पांव रुपया पाता है। कभी कभी सीएको ले कर पानी डूबनेवाले एक साथ गोता लगाते हैं। कभी कभी दो दो के अन्दर उन लोगों में झगड़ा भी हो जाता है जिससे आदमी भी एक साथ काम करते हैं । डूबनेवालोंके ; किसी किसोको प्राणत्याग भी करना पड़ता है। सीप लिये एक एक रस्सो यहां मौजूद रहती है । प्रत्येक एकत्रित कर रस्सी संचालन करने होसे नाव परका रस्सीके एक छोरमें १५ या १६ सेर वजनका पत्थर और मनुष्य उसको ऊपर खोच लेता है । इसके बाद वह दल दूसरे छोरमें थैली या टोकरी बंधी रहती है। विश्राम करता और दूसरा दल प्रविष्ट होता है । इसी प्रकार ___विलायती इवनेवालेकी वेश-भूषा स्वतंत्र रहती है। वारी वारीसे वे भीतर प्रवेश करते हैं। एक आदमी उन लोगोंके सांस लेनेके लिये नल लगा रहता है। दिनमें माठ वारसे अधिक नीचे नहीं जा सकता। दो देशी इवनेवाले पत्थरके सहारे जैसी आसानीसे गोता पहरके समय काम कुछ समय तक बंद रहता है। फिर लगा सकते हैं वैसी आसानीसे विलायतो हुवनेयाले ४ बजे डुब्वे जलके नीचे जाते हैं दिन भरमें एक डुब्बा नहीं लगा सकते। उन लोगोंके लिये Diving bell नामक ; २०००हे अधिक सीप नहीं निकाल सकता है। लेकिन यन्त्रका आविष्कार हुआ है। देशी डूबनेवालेके लिये विलायती डुब्वा साजवा के साथ समुद्र तक पहुंच पे सव झझर कुछ नहीं। केवल कौपीन हो उनका १८००० सीप बाहर कर सकता है। किंतु विलायती अपलभ्य रहता है । इपनेवाले वाये हाथसे रस्सी डुब्धोंके रखनेमें बहुत खर्च पड़ता है इसलिए देशी डुब्दों पकड़ते हैं और इसके बाद पत्थर पर एक पांव रख हीसे काम लिया जाता है। लम्बी सांस ले कर दाहिने हाथसे नासिका बन्द कर लेते। तीसरे पहरको काम बन्द होने पर ना किनारे हैं। किसी किसीके साथ नासिका बन्द करने के लिये ! लौट आती हैं। तव डुब्बे लोग अपने अपने संग्रहीत धातुका बना एक यन्त्र रहता है। उस यन्त्रको वे सूतेमें सीपको 'कोटु' अर्थात् सीप रखनेके सुरक्षित स्थानोंमें यांध गलेमें लटकाये रहते है। रस्सोको एक छोर पकड़ ले जाते हैं। कोटु जा कर बुचे लोग सीप गिन कर कर एक आदमी नाय पर बैठा रहता है। डूबनेवालेके तीन हिस्से लगाते हैं। दो हिस्से सरकार और एक संकेतमात्र हो वह रस्सीको ढीला करता जाता है। हिस्सा आप लेते हैं। डब्बे लोग तुरत अपना रस्सी पकड़ कर पत्थर पर पांव रख डूबनेवाले समुद्रमे अपना हिस्सा समुद्र किनारे पर बेच डालते हैं। गोता लगाते हैं। यहां पानीको गहराई अधिक नहीं सरकारफे सीपोंकी ढेर लगाई जाती है और संध्याके रहती। ४०से ले कर ६० हाथ अधिक गहराई में सोप पहले एक एक हजारकी ढेर नीलाम कर दी जाती है। नहीं पाया जाता है। डुव्ये कभी कभी १) रु०में ४० सीप और कभी कभी ४ . __रस्सी ढीली होते हो नाव परका आदमी समझ आनेमें एक सीप येचते हैं।। ।। जाता है कि डूबनेवाला नीचे पहुंच गया। नीचे पहुंच __ जो लोग थोड़े सीपोंकी विक्री करने हैं ये उसी समय . कर डूबनेवाले पत्थर छोड़ समुद्र-तल पर खड़े हो जाते सोपोंको फाड़ कर मुक्ता ढ़ढ़ लेते हैं। इसके बाद वह हैं। तव नाव परका आदमी रस्सी खींच कर पत्थरको सीप फेक दिया जाता है। जो लोग अंधिक परिमाणमें - बाहर निकाल लेता है। अब इवनेवाले हाथ संचालन | 'सोपोंको विक्री करते हैं वे कच्चे सीपोंको रेलसे दूर देशो में , । कर सीप बटोर वटोर कर टोकरी या शैलीमें भरते हैं। भेज देते हैं और कुछ लोग उन्हें धो डालने के लिये कोट, वेश-भूपासे सुसजित तथा सांस लेनेो लिये नाली रहनेसे ले जाते हैं। ताजे सीपोंको तुरत फोड़ने पर उसमें छोटी