मुख्यसर्ग-मुगल मुख्यसर्ग (स० पु मुख्यानां सर्ग इति । स्थावर, सृष्टि। . अपने याहुवलसे सम्पूर्ण पशिया और यूरोपको री ___ "मुरम्प सर्गरचतुर्थस्नु मुख्या ये स्थायराः स्मृताः " दिया था। । । . ' (वराहपु०) किस समय तातार लोग इस्लाम कबूल कर मुगल मयशस (स' अध्यं० ) प्रधानतः, सबसे पहले। नामसे परिचित हुए--इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता। गुण्यार्थ ( स० पु०) मुस्योऽर्थः । १ श्रेधार्थ, प्रधान अर्थ। सम्भवतः यह चोर सम्प्रदाय खलीफा वंशके धढ़े चढ़े (त्रि०)२ श्रेष्ठार्थयुक्त। प्रभाव पर मुग्ध हो खलीफाका कृपापान होनेको आशासे मुगदर (हिं० पु० ) एक प्रकारकी लकड़ीकी मुंगरी । यह | तुर्किस्तान, रूम आदि देशोंमें गया होगा। उसी समयसे 'गायदुमी, लम्बी और भारी होती है। इसका प्रायः जोड़ा। इन लोगों के दीक्षाकालफा भारम्भ माना जाता है। होता है और ध्यायाम आदिके लिये इसका उपयोग किया। कातुन-इ-इस्लाम् नमक प्रथमें मुसलमान जातिके जाता है। विशेष विवरण मुद्गर शब्दमें देखो। सम्प्रदाय निर्णय प्रसंगमें मुगल नामको उत्पति दी गई मुगदस ( क्लो०) स्थानभेद । है। कोई कोई मुगल नामको मगोलीय. जातिका अप- मुगदेमु (सं० को०) नगरभेद। 'भ्रश मानते हैं। . . मुगना (हिं० पु० ) मोगरा देखो। ___ जो हो, मुसलमान होनेके बाद इन मंगोलियावासी मुगरेला (हिं० पु० ) कलौंजी या मंगरैला नामक दाना । तातारीने लोगोंको अपना तेज बल दिखानेके लिपे आस इसका व्यवहार मसालेमें होता है। पासके राज्यों को लूटना शुरू किया। क्रमशः 'हरएफ मुग़ल-मध्य-पशियाको तातार नामको अधित्यकामे रहने स्थानमें एक एक डकैत सरदार मुगल सरदार हो उठा। पाटी एक जातिका नाम । उत्तर-महासागर, काला- इन भिन्न भिन्न मुगल-सरदारों पर शासन पा चेंगिज समुद्र, कास्पीय झील, आक्सस् गदी और हिमालय | खाँका अभ्युदय हुआ था। मुगल सरदार चेगिज . पर्वतसे घिरे हुए एक गृहत् भूभागको तथा यहां के रहने (कुछ लोग उसे तातार-सरदार कहते हैं । चीन मीर पालेको तातार कहते हैं। इसलाम-धर्म के अभ्युदयके । तम्घाज प्रदेशका सामन्त था। अपनी शक्ति तथा पाद यह तातार जाति तुर्क, मुगल और मंचु नामक चलवान सैन्यदलके बल पर यह शक्तिशाली मुसलमान तोन शाखाओं में विभक्त हो गई। | राजाणों के विरुद्ध उठ खड़ा हुआ। चेगिज बाँकी बहुत प्राचीनकालसे इन तातार लोगोंने यूरोप और वीरताका वग्यान आज भी सभी जगह होता है। उसके और दक्षिण एशियाके प्रधान प्रधान नगरों और राज्यों को साफगण, उपद्रय और अत्याचारकी कथा पफ समय, लूट उन्हें राखकी ढेर फर छोड़ा है। इन लुटेरोंके अत्या- भारत, यूरोप और एशियाके सभी स्थानों में प्रचलित थी चारोंका वर्णन इतिहासके ज्वलन्त अक्षरों में लिखा गया ) तयकत् इ-नाशिरि, अकयरनामा भादि मुसलमानो है। किसी किसी विजित देशमें उपनिवेश बसा यहां इन राज इतिहासमैं इस मुग़ल जातिको उत्पत्ति, विस्तार लोगोंने अपना जातीय प्रभाव बढ़ाया था। यद्यपि ये और प्रतिपत्तिका उल्लेख यों है, ईश्वरपुत्र महात्मा नोया- लोग अत्यन्त प्राचीन कालसे पशियाके दक्षिण भागको इस सुविशाल पृथ्योफे अधीश्वर थे। उन्होंने अपने अपने आक्रमणोंसे विध्वस्त करत गा रहे थे तो भी साम्राज्य-शासनके लिये धरतीको अपने तीन पुलों में बांट १०यों सदोम लीफाके राज्यों इनको प्रवेश और उप- दिया। उनके तीसरे लड़के याफिजको यर्तमान चीन, निवेश यसाने आदि घटनासे हो वास्तव में इन लोगों तुर्किस्तान और आकसंस नदीफे 'तर प्रदेश शासनके प्रभाव और उत्थानकालका प्रारम्भ माना जाता है। लिये मिले। पलंगा नदीके फिनारे उनकी राजधानी चेगिज (जंगिस् ) बांके अभ्युत्थानसे ही पास्तवमें थो। ये याफिन हो तुकंजातिके आदि पुरुष है। . मुगल जातिका गौरव सूर्य इतिहास-गगनमें मध्यार-सूर्य- . याफिजफे आठ (दूसरे मंतसे ग्यारह) लड़के थे। के समान देदीप्यमान हो उडा। इस मुगल-सरदारने इनके बड़े लड़के तुर्फ पिताके उत्तराधिकारी हुप । इहोंने
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