पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/८२१

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मुगल ७३३ शीतल और गरम झरनोंसे सिंचित और हरे हरे शस्यों. धरते न बना। ये शशोंकी गति रोकने में असमर्थ से सुशोभित सिन्-उक नगरमें अपनो राजधानी घसाई। रहे और उनके हादसे मारे गये। फेवल इयल मांका इनके नाम पर इनके अधिकृत प्रदेशका नाम तुर्किस्तान लड़का कइमान् सां और उसके मामा लइका नगुज पड़ा तथा वहांके रहनेवाले तुकी कहलाये। तुर्फके बाद सां दूसरी जगह रहने के कारण बच गये। मुगल गांफे पुलादि कमसे तुनाक, जालजा ( अलमिक्षा ), दिवाकुप, बाद तीसरी पीढ़ी के राजा अज गाने अपने बचाओंको ..: किवाक और किवाफे पाद पांचयों पीढ़ीमें आलिझा बड़ा सताया जिससे घे भाग कर चीन-राज्य चले गये 'मां राजा हुए। आलिजाके तातार और मुगल नामके और अपनी आत्मरक्षा की। राजा तूग्ने मुगलयंशका एक । दोयमज लड़के उत्पन्न हुए। दोनों लड़कों के जवान होने कारसे संहार ही कर दिया था । अतपय अनुमान दिया . पर उन्होंने अपने राज्यको दोनों भाइयों में बांट दिया जाता है कि वर्तमान मुगल लोग अधूजक चचा कइयान ' पहले दोनों भाइयों ने एक साथ शासन चलाया; अन्तमें पां और नगुजके अंशधर हैं। मापसमें विरोध होने पर वे तातार-३ माफ और मुग़ल-इ. । उक्त फइयान मां और नगुज हा अपनो स्त्रीके साथ ' माक नामके दो स्वतन्त्र राजवंशोंको प्रतिष्ठा कर गये । उस रातमें भाग पर्वतके दूसरी ओर एक हरी-भरो तराईमें मा 'मुग़ल राज्यको सीमा उस समय पूरवमें खिताप, दक्षिणमे ठहरे । यहां उन्होंने मकान बना कर अपने साथ लाये , साघेज तात्. पश्चिममें इगुर और उत्तरमें केनिर तक हुए धन रत्नों को सुरक्षित किया तया घे गौ भेड़ आदि पिलो हुई थो। पालन करने लगे। इस स्थानमें उफ्त दोनों मुगलों के मुगल बाँके वाद करा खां, आज खां, फून बाँ! चंशधर कई हजार वर्ष तक रद्दे ( अबुल फजलफे मतसे 'आई खां, यूलदूज, मंगली खां, तिगिज खां, और नयी २ रजार और अयुल गाजीके मतमे ४ हजार वर्ष .पीढ़ीमे इयल खां राजा हुए। इयल स्त्रांके समयमे तूर तक ) { • नामफा एक शक्तिशाली राजा राज्य करता था। इसने एक स्थानमे हजारों वर्ष रहनेके कारण ये लोग इयल पाको हरा कर अपना राज्य बढ़ाना चाहा। बहुसंख्यक हो अनेक भागा प्रशाखामों में बंट गये। उन . . - पहले होमे तातार और मुगलखांके खानदानों में पुश्त र लोगोंने अपनी जन्म भूमि इर्गानाफून उपत्यकाको छोड़ • पश्त वियाद आ रहा था । जब राजा तूर इयल बा अपने पिनराज्यके उद्धार करनेका निश्चय किया। मुगल पर हमला करनेको आगे बढ़ा तब तातार खानदानका | लोंगोंने विप्न और विपत्तियों को झेलते हुए, अपने पिता आठवां राजा सून्दज खाने उसकी सहायता की। इधर राज्यमें आ कर देखा कि तातार-इ-माफ जातिके लोग मुग़ल पाँके दूसरे लड़के गुरफे यशधर अपने मुगलभूमि पर अधिकार किए हुए हैं। मुगलोंने उन्हें " गोत्रज शत्रुओं का विनाश करने के लिये राजा तूरकी सेना- युद्धो हरा उस स्थानको जीत लिया। पीछे भयम. में आ मिले । राजा तूर इस बड़ी सेनाको ले इयल सांसे के चाया जो चीनमें रहते थे, मुगल भूमिको लड्ने चला। लौटे और कश्यान् और नगुजयंशवालों .(दुलो. . मुगल लोग इयल सांके बड़े अनुरागी थे। ये लोग गिन ) में मिल गये। इस समय मुगलोंका अधि. शव भोको गति रोकनेके लिये प्राणपणसे लड़ने लगे। नेता मंगला बांका लड़का याल्दुज पाया। अयुल उनके हाथ से परेशातार और गुर योद्धा मारे गये। फजलके मतसे यालदून म्यांने ईरानफे राजा नौशे खां (सन् राजा तूर इन लोगोंको धोखा देने के लिये भाग चला। ५२९से ५५६१० तक) के राजत्यकालमें अपनी पैतृकाम मुग़लों ने शन भोको पराजित देख उनका पीछा। पर अधिकार किया था। मुगलौने गानापन् तराई किया। इस प्रकार मुगलोंका व्यूह टूट गया जिससे ये| छोड़ कर अपने पितुराज्यको पिजय करने के उपलक्षमें लोग कमजोर हो गये। रात में शत्रुओंने . अचानक एक उत्सय मनाया था। किम्बदन्ती है, कि उक्त तराई- . इन लोगों पर हमला कर दिया। इन लोगों से कुछ करते | का रास्ता भूकम्पमें लोहोके गिरनेसे बन्द हो गया था Vol. IPil. 184