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पास बैठ गई। वनवीर कमरे में धीरे धीरे घुसा और चारों ओर देखता जाता था। वह समझा कि बच्चा पालने में सो रहा है और उस निर्दयी ने तलवार के एक ही हाथ से उस को मार डाला और बाहर चला गया।

७-पन्ना दुखिया चिल्ला उठी और लिया भी दौड़ भाई पर वनवीर के डरके के मारे किसी ने कुछ न कहा। बच्चे की लोथ जला डाली गई।

८-पन्ना चुपके से बढ़ के बाहर पेड़ के तले चली गई और विश्वासी वारी के साथ रातो रात कमलमेर पहुंची। यह एक छोटा सा राजा था। पशा ने कमलमेर के राजा से कहा,"यह राणा सांगा का बेटा है इसे लो इस को पालो पर जब तक यह सयामा न हो जाय इसे कोई जानने न पाये।"

६-पना चित्तौर को लौट गई। जब उदयसिंह बड़ा हुआ तो उस ने यह व्यौरा कहा। चितोर के राजपूतों ने उसे अपना राजा बनाया। उसने मेवाड़ के राजा वनवीर को निकाल दिया इस का हाल आगे बतायेंगे।

२६-अकबर महान।

१-अकबर १५५६ ई० में बादशाह हुआ। वह मुगल बादशाहों में सब से अच्छा था। वह मुसलमान था पर उस की हिन्दू प्रजा उसे बहुत चाहती थी और आज तक