पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२५६

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( २४८ ) या नहीं इन से डरते थे और समाते थे कि हमारी हानि करने के लिये अंग्रेज़ इन को लाये हैं ई-कोई कोई कहते थे कि रेल की पटरी और तार धरती को बांधने के लिये एक प्रकार की जञ्जीर हैं। सब अंग्रेज़ों में धरती बांधली तो एक दिन हम लोगों को भी बांध लेंगे। जब लोगों ने रेल गाड़ियों को देखा कि बिना घोड़े या बैल के भारी भारी गाड़ियाँ चली तो यह समझो कि इसके भीतर भूत-प्रेत या भवानी हैं। जब उन्हों ने देखा कि तार के द्वारा ५० कोस सन्देशा एक पल में पहुंच जाता है तो उनके डर का वारावार न रहा। ४----अब इम यह जानते हैं कि अंग्रेजी भाषा जानना कैसा उपयोगी है, और ऐसे स्कूलों से जिनसे अंग्रेजी भाषा पढ़ाई जाय कितने लाभ हैं। पर जब पहले अंग्रेजी मदरसे खोले गये तो बहुत लोग हिन्दू और मुसलमान दोनों एह समो कि अङ्ग्रेजी पढ़ने से लड़का कस्ताम हो जायगा। हिन्दू यह समझे कि स्कूल और अस्पताल खोलने से अंग्रेज़ उन का धर्म लेना चाहते हैं। यह तो जानते ही थे कि अंग्रेज़ उन को कृस्तान करना चाहते हैं। ५-ऐसी ही बेसिरपैर की बाल जिन को अब हम झूठी जानते और हंसते हैं दुष्टों ने बङ्गाल और अवध के सिपाहियों इनका मुखिया एक अहरठा सरदार नाना साहब था जो आप बादशाह बनना चाहता था। अवध में में फैलाई।