पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/५०

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फ़ारसी भाषा का सबसे प्रसिद्ध काव्य है और इसकी गिनती संसार के महाकाव्यों में होती है। इसमें ६०,००० शेरं है। ३--यह अन्ध सुल्तान को दिखाया गया तो वह बहुत प्रसन्न हुआ पर उसने कवि को ६०,००० चाँदी के दिरहम दिए। फिरदौली समझा था कि सोने के दिरहम मिलेंगे पर सुल्तान के डर के मारे यह कुछ न बोला और अपने शहर को भाग गया। जब वह अपने घर पहुंचा तो उसने एक कविता लिखी जिसमें सुल्तान की निन्दा श्री। सुक्तान बड़ा बादशाह था पर वह बड़ा कुरूप भी था, उसके चेहरे पर शोतला के दाग थे और उसकी माँ लौड़ी थी। ४-महमूद बहुत लजित हुआ और उसने ६०,००० सोने के हिरहम ऊँटों पर लाद कर कवि के घर भेज दिये पर जब यह ऊँट फ़िरदौसी के नगर में पहुंचे तो उसकी लोथ निकल रही थी। उसकी लड़की ने दिरहम ले लिये और उसने उनसे नगर में मीठे पानी के एक महर निकलवाई। ५-जन महसूद मरने लगा तो उसने सोना और हीरा मोती जो उसके खजाने में रखा था सब संगवाया और बोला “हमारे सामने इनका ढेर लगा दो कि हम अन्तिम बार इनको अपनी आँखों से देख लें।" उस ढेर को देख कर वह रोने लगा और बोला कि "हाय ! अब यह धन औरों का हो जायगा।" ६-फारसी के प्रसिद्ध कवि शेख सादी ने अपनी गुलिस्तां में लिखा है कि खुरासान के एक बादशाह ने सुल्तान महमूद को