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उन लोगों में से किसी को चुने और उससे बिगड़ खड़े हुए। इन सरदारों में मुख्य अलतूनियां था। रज़िया ने याकृत के साथ उस पर चड़ाई कर दी पर उसकी सेना हार कर भाग याकृत मारा गया और रज़िया पकड़ ली गई। यह बीर सरदार अपने मलका का दुख देख कर बहुत दुखी हुआ और उसे छोड़ दिया। अलतूनियां ने उससे यह भी कहा कि जो तुम मेरे साथ विवाह कर लो तो मैं तुम्हारी ओर से और सरदारों से लडूं। अलतूनियां बड़े ऊँचे कुल का और सब तरह उसके योग्य था इससे रजिया ने बड़ा उपकार माना और उसकी बात मान ली और दोनों का विवाह हो गया।

१०—इस बीच में और सरदारों ने उसके एक निकम्मे भाई को सिंहासन पर बैठा दिया था। रज़िया और उसके पति अलदूनियां ने सरदारों पर चढ़ाई की दोनों बड़ी बीरता से लड़े पर दोनों दो लड़ाइयों में हार गये और पकड़ लिये गये।

११—यह बात विचित्र है कि दरबार के बड़े बड़े सरदार इस बात को भूल गये कि रजिया ने कैसा अच्छा शासन किया था। सच तो यह है कि उनको उस पर दया करना उचित था क्योंकि यह स्त्री थी उनकी मलका थी। पर इन अभिमानी और क्रूर सरदारों ने बेचारी रजिया और उसके पति को मार डाला। रज़िया ने कुल साढ़े तीन बरस राज किया।