पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१०१

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मोर 1 (६०) देखा था-। परन्तु सुमोतेवादी चाहे भी जितनी सेवा की करें ये पादचादी के बराबर प्रतिष्ठाक योग्य, नहीं सकते । हाल ही में अलं प्रेमे में एक भाषण में पापम धमवल दारा नेता यममे का मपहा फोड़ किया है और कहा है कि अगले चुनाव में हमारी पार्टी अपने फण्ड पिवारों से काम लेगी। यही दशा लाई बर्कन हेड को है पढे मारी धनी व्यकि है और इसी लिये जब ये कुछ कहते हैं मो यह एक बड़े भादसो को वात समझ कर कदर की जाती है। पर ये कोई खोतर महीं। अनुदार दल में किसी तरह उमी मारत मन्त्री का स प्राप्त हो गया था और तब से वे अपने को भारतीय मामलों का विशेषज्ञ ही सममने लगे हैं और प्रभजो मन में माता हे उपाय देते हैं। इसो लिये वर्तमाम भारतमन्त्री पेग्युस्धेन और म: पूर्व सपमन्त्री डी० मीम्स शोक्स ने कांमार पालिमेंट में स्पा कह दिया है कि लाई षर्कनहर भारतीय मामलो में बिकता मूर्ख है ओर उन का पकषाद का कुछ भी मूज्य महीं है। इस अधिकारहीम पकाओं को राय को क्या कामत-को जाय- यह पाठक स्वयं सोच सकते हैं। 4. मोतीलाल नेहरू और महात्मा गान्धीमे पासराव के साथ की मुलाकात को असफल बना कर और बाद को कांग्रेस में अत्यन्त प्रमोत्पादक अश्यवहारिक, मर्मता, पूर्ण और