पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१०३

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(१२) 7 मैं मेहरू रिपोर्ट' का समर्थक बताते हैं। कांग्रेस की ओर से का मुसलमान सदस्य एसेम्बलो में थे। समाचारों से पता खगता है कि जहाँ वोसियो हिन्दुओं मे पसेम्बली को छोड़ दिया है यहाँ केवल एक मुसलमान ने हो एमेम्बली की कुर्सी को पालो किया है। ये मुसज्ञमान सज्जन भो पण्डित मोती- लाल मेहरू के मन्त्री हैं। मुसलमानों में जितना अपने जातिगत मायों से मेम है ससना या उस से कुछ कम राष्ट्रीय भावना से स्नेह होता तो गनीमत थी। घर्तमान काल में तो मुसल मामौ का खुदा ही हाफिज़ मानूम देता है। हैरानी तो यह है कि दूसरे देशों के मुसलमानों को दुर्गति को देख कर मी मुसलमानों के होश ठिकामे नहीं होते। 'गत २६-३० दिसम्बर को मद्रास में लिवरल फेडरेशन का बाहरयो अधिषेशम सर फिरोज सेठना के समापतित्व में हुभा था । लगभग २०० प्रतिनिधि उपस्थित थे जिनमें भी भी निवास शास्त्री, सर चिम्मन जाल सीतजयाह सर तेजबहादुर 'सेन, भो सी० वाई चिन्तामणि तथा रा० एनी बोसेन्ट के माम विशेष सबलेखनीय है। स्वागताध्यक्ष सर रामस्थामो ऐयर के भाषण के बाद सभापति ने अपना पासन ग्रहण हुए अपने भाषण में कहा कि आज से वर्ष पूर्व, १४११ में कमांट के ट्यूकने सम्राट् जा पवम का जो सन्देश सुनापा था, उसमें सम्राट ने साम्राज्य के अन्य भेणी में भारत को 1 करते