पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/११९

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1 ( १०० ) दुर्भाग्य घश एक दूसरा गलैंड भी। चाहे कोई बात स्वीकार करने का अमिच्छुक हो और चाहे । दूसरा इगलैंस न होता तो अच्छा था, किन्तु एक र जिस के प्रादर्श और राजनीतिक सिद्धान्त ऊपर को. इगर के पादशी के प्राय ठीक उलटे है । यह वह । है जो मैगनाकार्टा के विरुद्ध महा था और जिस ने १७७६ ६ में अमेरिकन उपनिवेशों को स्वतन्त्रता देने और उन सा न्याय करने से इनकार किया था।यह यह गलैट है जो मनो वार सैनिकता ओर माम्राज्यवादिता का साथ द धुका! जिस मे चीन को जपरदस्ती अफीम खिलाने के लिये दो मुर किये हैं, जिसने पायलैंयर को बहुत फाल सक गुलामी में रख था। जिसने गुलामी और गुलामों के व्यापार को उठा देवे। प्रपरनों का विरोध किया था, जिसने गलैंड में प्राय प्रकार के राजनीतिक भार सामाजिक सुधारों का विरोध किया था और जो भाज भारत को बड़ा २ माशाप दिलाता ! मी भारत के उम मेताओं को मेमो में बन्द करता है से स्वतन्त्रता के लिये प्राम्योजन करते हैं और यह विश्वास नहीं दिलासा कि यह माप्तोय साम्राज्य के ऊपर से अपना फोलादा पष्मा दोला करने का कभी भी वास्तविक विचार करता है। सागर को भारत न तो प्यार हो करता है और मप्रति .छा हो, ससार का म्याय और स्वतन्त्रता का प्रेमी कोई भी सम .