पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१२०

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(lot) पक्ति इस गट का सम्मान नहीं कर सकता मेरो समझ तो यदि इस गलैट का नियन्त्रण न किया गया तो पह परतवासियों और विटने के बोस ऐसा पभाष पैदा कर गा जो मिट महीं सकेगा और इस तरह भारत को अशांति ऐसा भयंकर ज्वालामुखी बना देगा जो निश्चय ही बहुता म भयंकर रूप में फूट पड़ेगा। दूसरे शब्दों में मैं विश्वास करता हूँ कि जिस की ठिी उसकी भैंस का सिमान्त वाला यह सामाज्य लोलुप गएर यदि अधिकार सम्पन्न हा तो मिश्चय ही निरम भारत को सो बैठेगा। यह उतना ही निश्चय है जितना सूर्यका किसना । इस गलैपट के अभ्यन हमारे समय के सानार्थ ने कोटि के पुरुष है जो भारत को क्रान्ति करने के लिये रखी रह लाचार कर रहे हैं जैसे १७७६ ई० मे लाना और सिरे जाने अमेरिकम उपनिवेशों को क्रान्ति के लिये वाय या था। भारत में जो क्रान्ति होगी उस के साथ फल शिया तथा समस्त संसार के समझदार स्वतन्त्रता 'मियो की सहानुभूति होगी । उस क्रान्ति का दबाना सम्भाव म दोगा उसके फल स्वरूप भारत स्वतन्म वाधीन और महान् राष्ट्र बनेगा जो ब्रिटने से बिल्कुल स्वतन्त्र होगा। अंग्रेज सरकारसमोपनिवेशिक स्वराज्य देने की बात T