पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१३९

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1 भीन और भारतवर्ष ये दो महान और प्राचीन सभ्यता शक्तिशाली देश एशिया की जाम है-यही दोनों समस्त परिया कगट प्रवज योद्धा स्थाईरोति से सदैव बमार रख सकगे, सो युद्ध सामग्रियों से सखित रखे रह सकेंगे। महति मेल दोनों देशों को पेसा नैसर्गिक मल प्रदान किया कि ये ऐश अपनी उर्वराममि, सनिजद्रव्यों की बहुतायत और मदाम अनसमा को पदीसंत एक स्थाई प्रचण्ड सेना ही समे- । १२८ ) के कारया पृथ्यो मर पिदानों के लिये कौतूहल-चमत्कार श्रीर रहम्य पूर्ण बना हुआ था परम्म-जा अब जागृत होकर फिर अपना प्रयल संगठन करना और गर्षित योरोप और उन्नत अमेरिका के घराघर मा हाने का साहस करता है। उसके अब मफ क उद्योग और चेटा को ठन कर योरोप और अमेरिका भयभीत हो रहे हैं। और उस आसन्न विपति स परित्राण के अभी से मयामक उपाय सो रहे हैं । भर में सर्वाधिक संख्या सम्पन्न और सर्माधिक निर्जीय है- परन्तु दोनों हा देश अब अद्भुत रीति से उत्थान पाने को मन पर लाये है, चीन की जनसंख्या ४० करोष्ट्र और भारत की ३३ का है, इस प्रकार ये दोनों देश मिलकर १३ मोड मनुष्यों से भरपर देश है । जिस दिन मी ये जागृत होंगे उस दिन समस्त आधुनिक युर समास प्रथम दर शस्त्रास्त्रों और प्रत्युत एक प्रचोड पृथ्वी विजणशक्षिका केन्द्र होंगे।