पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१७४

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1 पैसे का तेल, घेले का ममफ-इतने में मारा हो सकता था। सव २६ पेसे हुए के हिसाब से ६० से भामद हुई। ऐसी हो श्रादमियोंका पेट मजे में भर सकता था। । शाक, घ, सकर, कपड़ा ले सकता था। माम मे कुछ पुरी म थी। देन कर यूरोप के यात्री टेरी ने जिना है कि थी कि उसका कुछ माष ही नहीं कहा जा गरीति से तमाम राज्य में पस्तुए इतनी का प्रत्येक मनुष्य बिना कर के पेट भर ! युत प्रान्त के गाजोपुर जिले के माय जिन कबर का रुपया माज के रुपये का निस्पट 'दाय को लेसराद सकता था भोर auto -२ में पास तीस टका माषपद गया था प में पांच गुना फर्क दास पढ़ता है। माम गठियावाड़ में पहुत से मगरों में एक रुपएँ ताथा। पढ़याण में संवत् १८२० में रुपये पा, १४ सेर दास और १४ सेर घाटा f 2