पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१७५

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तक कुल २६ वषों में ५ अकाल पड़े जिन में लगभग ६० साब' में ५०लाय मादमी मरे और १८७६ से १६०० तक २८ प्रकार नबरसने के कारण, परयर मूख प्रकाशका का ( १६२ ) यही देश श्राज भूखों मर रहा है । सत्रहवीं सदी के प्रारम्भ में भारत पर अंगरेजो का प्रभाव पडा और उसके माता यद जम गया। ग्यारहवीं शताब्दो में २, धारहीं में १ मी नहीं, सेरापी में ३, पन्द्रहवीं में २, सोलहवीं में ३, सत्रहवीं में ३, प्रकार भारत में पड़े। और अठारहवीं का प्राधा काल वीतते बीतते अर्थात् १७४५ तक ४-इस तरह लगभग साढ़े सातसौ वर्षों में यहाँ सब मिखा कर अठारह अकाल पड़े थे जिम में भनुमात्र, ५० हजार आदमी मरे । लगभग ये सब स्थानीय थे दे व्यापी महीं। संसार भर में इन साससौ वर्षों में जितने युद्ध हुए सम में इस से अधिक आदमी नहीं मरे। इस के पीछे सन् १७१६ से लेकर पड़े। और इस के बाद १६ वी शताब्दी में १०० से १८ स आदमी मरे । १८२६ से १५० तक २ अकाल पड़े जिन में ५ सान भादमी मरे,। १८५१ से १E सक ६ अकाल पड़े जिस पड़े जिन में अनुमामतः २ करोड ६० लाल भादमी भूखे मर गये। सापाण प्रादमी सममाते है कि कालो का होना पामो' 1 १८०० सक ३ प्रकार 1 C 3 1 1