पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१८४

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1 • पत्थरबोदनेक सामान, ताम्ये पोटल के सामाम, और फोलादी -सामान, पत्थर खोदने काटने को मिट्टी का काम, लकड़ी, हाथी होत, पमड़े का काम, रगार, छपाई, ई, रेशम, उनके कपड़े चाल, शाजा, दरी, आजम फालोन इत्यादि मशहूर हैं। पनिम भारत में-बम्बई प्रहाता, वरार और बलोचिस्तान है। यहाँ गोद, तेलहून, कर, अन्न, अमड़ा, जड़ा-यूटी, नमक, गोई पैदा होता है, सोना चांदी के सामाम, लफड़ी सींग, मार, ई, ऊन तथा जरदोजो की कारीगरा प्रसिर है। दक्षिण भारत मे-मद्रास मैसूर, मिजाम हैदरापाद और कुर्ग है। वहाँ वेलहन, घी, पर्वी, मीन हई, नारियल के छिलके का सामान हाथीदांत, चमड़ा, चाय, मिर्च, दालचीनी, चायल, दिन, मोती, सोमा, सीसा इत्यादि द्रव्य पाये माते हैं। दस्तकारी म सोना चांदी, तापा, पीतल की कारीगरी, पथ, जबर, हाथीदांत का फाम, स्पष्ठा र गना, पापना, येामी कपड़ा पुनना और चिकम तथा कारबोबी का काम मशहूर है। बर्मा में रखर, पानिश, साह, कल्या, घायल, सागवान की सकड़ी, टीन आदि होता है। दस्तकारी में लोहा, सोना, तांबा, पाक के सामान, हायीदांत, लाह और शीश के सामान सच्चे ऊपर के विवरणों से पता लगेगा कि बंगाल-विहार में +