पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१९१

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1 केशनल स्टेटिस्टम्स, पा शिक्षा-सम्बन्धी अकड़ों से । मालमाहोता है कि ६२, ३३, ६६८ लड़कों और ११, २॥ ११७६ ) सरकारी काम से छुटो होगी तव तव प्रजा का काम दिन जायगा । मानो प्रजा की जरूरत कुछ आवश्यक थी ही नहीं प्रजा के लिये कोई उत्तम सरकार जो काम कर सकती थी। इस तरह के होते कि वह स्वास्थ्य, शिक्षा तथा कृषि-सम्म उन्नति के उपायों का अवलम्बम करती, स्थानिक कार्यो प्रजा का प्राधान्य स्वीकार करती और कौम्सिलों में गग मोतियों पर विचार होता है हमें स्थान देती। कहने को यह कहा जा सकता है कि उसने ऐसा कि है-स्वास्य के थिमाग और भीमकाय अस्पताल खोजी म्युनिसिपालिटी में स्वाधोम चुनाव का अधिकार दिया और कौंसिलों में हमारे भाइयो को कुर्सी दी है। पर वास्तव में यह सब भुस पर लीपमे के समान निम्सार है प्रथम शिक्षा की बात पर विचार करें। फा सवार वयों को शिक्षा मिल रही है। शिक्षा-सत्यकों का मन जिन्हें चार चार वर्ष से कम शिक्षा मिलती है वे थोड़े दि में सब भूल जाते हैं। ब्रिटिश भारत के ११४ १५ के लड़कियों' अर्थात् कुल ४, ६२, ३१ बों को शिक्षा रही है। इनमें पठे, पक्षों में लोयर प्राइमरी से की 1 1