पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१९३

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१७८ ) ६० लास्त्र है । जापान में १८७२ के पहले स्फूल जाने योग्य पों में फो संकडे - स्कूलों में पढ़ते थे। जो प्रायः हमारे इस समय के औसत से फी सफड़े अधिक थे। २५ वर्षों मे श्रीसत बढ़कर ६२ हो गई और २८ वर्षों में शिक्षा शुल्क रहित और अनिवार्य की गई। पदोदा राज्य में शिक्षा शुल्क रहित और अनेक अंशो में ' अनिवार्य है। और लड़कों को औसत सौ में सौ है । ट्राधा- फोर मे लड़कों को औसत फो सैकड़ा ११ और लकियों की ३३२ है। मैसूर मे लडकों की ४५ - और लरकियों की ६७ फीसदी है। स्कूल जाने योग्य अवस्या के प्रत्येक बच्चे की शिक्षा के लिये बडौदा ) मर्च करना है और ब्रिटिश भारत ॥ १८८२ और १९०७ के वोच शिक्षा-व्यय में ५७ लाल की वृद्धि में की गई । इतने दिनों मे भूमि-करमे ८ करोड़ सनिक व्यय १३ करोड़, सैनिक व्यय मे ८ करोष्ट्र की अधिकता दुई। और रेलों के लिये मी-अप से १५ करोड रुपये खर्व किये गये। हन श्रोकदों पर स्वर्गीय गोखले में एक बार व्यंगोक्ति करते हिसाब लगा कर वसाया था कि यदि जम-संख्या म बढ़ो तो अब से ११५ वर्ष वाद प्रत्येक लड़का और ६६५ वर्ष बाद प्रत्येक सहकी स्कूल में होगी। i