पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२२०

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सवा पता है। व्याह होते हो उसको सुहाग रात के दिन सी जंगली स्टेशन के मास कम्पार्टमम्ट की गन्दी कोठरी मिले कटेप।कहाँ तक गिमाया जाय | म जामे इस वैदेसी शिक्षा में ऐसी कौनसी भयानक शक्ति है कि इसे पूते ये क्लर्कचाहिये ये चहा सन पैदा करने को गुक्षामों को काणा श्रमागे शिक्षित युवक इन पर सा-तोड पर टूटवे एक ग्रीमियरिंग, दूसरा राफ्टरी, टीसरा धकालतानी विरी के बराबर येईमाम श्रीरथोर कोई ही दूसरा महकमा गा। जिसमें पोटे से बरेक्षक प्रत्येकोर भीर भूठा। रेपम मित्र के पिता प्रोवरसियर थे। ३५) सममा मिलती || पर महीने में २ हजार तक रुपये प्रासे, ममे अपनो मानों ( २१३) है । पर कहों दफ्तर में किसो साहब की जूतियां स्माता है। सपना काम करना नहीं पसन्द करता है। एक लुहार को भी जानता है जिसका नाका सिफ'५ र्षी या छटो जमानत पड़ा था। बापने को ऐसी हवा विमाग में घुसा कि खुद्दारी की योका म उठा, हालो कि उसकी दुकाम पर मी २००) तहाने की प्रामदनी यो। मिदाम पद २०० महीने पर अपने घर से ५० मील वर नौकरी करता है। स्त्रो ठक मे मिलने के लिये । बादमा घमण्डी मगर मोल हो जाता है। सरकार को अपने पढ़ने के बाद ३ महकमे अम्लो भाप के हैं। सिर्फ भाप 5 < सात सोख रक्सो है। 3 3