पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२४०

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विम्बतियों के १५०० प्रादमी मारे गये पर भप्रेत सिफ'१मरे। अधिकार मितगये। रूस का भय मो मिटगपा। इसके सिवा ( २३३ ) में चीन की मारफन यह तिय किया गया कि विध्यत सीमा पर अमेजो कमोशम तिब्धत और धोनी प्रतिनिधियों से मिले जुलाई १६०३ को फर्मल यग इसपेन्द्र तिव्वत की सीमा के भीतर सम्मा अंग मामक स्थान में आ पहुँचे पर जब कई महीने तक तिम्मत के प्रतिनिधिनहीं भाये तय उम्होंने सेना पुलाफर तिब्बत पर आफ- मण फरने को सड़के बनयामा शुरु कर दिया कर्नल साहिब पिदा कर लिया फि तिम्पती पदि हमारा विरोध करेंगे तो हम अपनी तोप बन्दूकों से उन्हें मम भालेंगे उधर हालैट में इस अम्पाय का समर्थन करने को एक विषयण पत्र प्रकाशित किया, जिस में तिब्बतियों के भनेफ झगड़ों का उल्लेख था। विवतियों के पास न दथियार थे और न श्रष्छी सेना, इसलिये पहली दी मुठमेर में अंग्रेजों में उनके ६०० श्रादमी मार हास और २०० पफट लिये। अन्त में फर्नज साहिव ३ अगस्त को लासा पर जा धमके युद्ध तो क्या हुभा झरने माम हुआ। पलाई लामा माग फर मंगोलिया बले गये अनमो मे तिम्ब वियों से खबरदस्तो एक सन्धिपत्र पर हस्ताक्षर करा लिये। इसके अनुसार अपनो को म्यापार के और राजमंसिक अच्छे पुर के हानि का प्रमाणावपया मी अंग्रेजों ने मांगा और मातक रुपयान मिले तब तक बिवी की सपा वजन कर लो। 1 1 L-