पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२४७

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1 (280) रानी ने और हजारों किसानों, मवाधों और जमीदारों ने स्वर्ग तक पहुंचा दिया है। सरकश्य में वाघ धरी एक घाट पानी पीते ही हैं व्यापार समृद्धि चढ़ कर पहाट के समान हो गयी है न कोई भूला म मंगा। जुल्म मी तुम्हारे राज्य में देखने को नहीं मिलते । जलियान वाला बाग और मोपला हत्याकोर तो सिर्फ मनोरंजन था ! टैक्स भी सिर्फ आमदनी का प्राधा ही लेते हो। तुम प्रश्न कर सकते हो- 'तुम कैसा राजा चाहते हो। उस बदमाश और लोर के प्यासे हैदरअली को या उस के धर्मान्ध पेटे टीपू को या उस चोरों के शासम शाहन शाह अस्वन्तराय होल्कर को अथवा उस ५७ के हत्यारे नामा साहेव और तासिया टोपी को थवषा उस पागल मूर्ख झांसी की रानी लक्ष्मी घाई को? क्या हम इन से भी पुरे राजा है?" ठीक है, कह सकते हो। धरती माता की गोद में अनन्त फाल के लिये विधाम पाये दुओं के विषय में राजमव घमएस से तने ठुए तुम मम माने स्वोटे पचन कह सकते हो। उन्हों ने अपने पूर्वजों के पद चिन्हों पर चल कर अपने पलते लोद के जोश में जो उचित समझा किया यह उनकी स्वाधीनता के दीप को तुम्हारी प्राधी से बचाने का समय था। टोपू सुनसान के अंगषल और उसके षिफराल मुख के 1 7 के > 7 ।