पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२५५

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२४८ बूट फर धन रम्ना तो देश में ही था तुम तो ले भागे । असंख्य मागों से अनर्गल सम्पत्तिले गए हो। पहले राजा नवाब जुल्म से पैसा छीनते थे। तुम कौशल से ठगते हो। होरा मोती पना सोना लेकर कागजों का गहा दे दिया है। तुम एक दिन सटक सीताराम बन जाना और हम उन्हें अनाकर अन्तिम रसोई बनापंगे। प्रेटग्रिटेन ! हम तुम्हें अच्छी तरह समझ गये हैं। तुम्हारी मेयोनरी के सामान में, तुम्हारे कानूनी स्तोत्र पाठ में, तुम्हारे शान्ति राज्य में, तुम्हारे सई के यन्त्रों में, तुम्हारे न्याय की उम्मत वायु में, तुम्हारी रेल गाड़ियों और बिजली की कीर्ति- कहानियों में, तुम्हारी राजसमा की चाल पेची मे , तुम्हारे, औदार्य परमार्थ और सुधारों के घमएस में, उन्नीसवीं शतामि के सांकेतिक फुशन सौदाई और गड़बड़ी उग विद्या में, ठीक वैसा ही हलाहल विप है जैसा किसी मिठाई में शत्रु को मिलाना पड़ता है। अपने घमएस, सोप, गोशा गोली और संगीनों की गर्मी में सुम पास पास का कुछ नहीं देख सकते हो। हम समझ गपे हैं जब तक तुम्हारा पेट न भर लेगा तब तक तुम हमे मानोगे । और यह मुम्हारी ईसायत तो तुम्हारी मोजम को मेज की कुरी घम्मच अपषा भोजन समय-का, पियानो बाबा है तुम लोगों को पाने की साल पर दांत और छुरी चलाने का अभ्यास होता ही है। in