पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२६९

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1 ( २६० ) और मित्र राष्ट्रों को अपनी बहुत सी सेमा फेराश, फारस, मोसोपोटामिया, और मिश्र में लगा देनी पड़ी। पर जब मिम और काकेशियस में तुर्फ हारे । तव जर्मनी मे समझ लिया कि अब हम यदि पच्छिमी रण क्षेत्र में विजय न प्राप्त कर सकेंगे तो तुर्फ की रक्षा कठिन होगी और बाहर भी पशिया में हम प्रवेश न कर सकेंगे । और इसी लिए जर्मनी ने धर्म पर सारा ख़ोर लगा दिया था। १९१८ की प्रीष्म में जब अंग्रेज़ पैलेस्टाइन में आगे बढ़ने का उद्योग कर रहे थे और जर्मन लोग पच्छिम में निराश हो चुके थे। तव तुर्को को फेयज फाफेशस पर अधिकार कर होने की आशा थी, वे कृष्णा,सागर और कैस्पियन सागर के बीच तेजी से बढ़ रहे थे कि इसमे मे ४ वर्ष का सघ टूट गया। बल्गेरिया ने हथियार रख दिये। और तुर्फ हेंगरी या अर्मन मे समझ लिया कि हमारे भाग्य फूट गये। यदि १६७ मे रस का साम्राज्य मष्ट म हो जाता तो तुर्क का मिशान भी नकशे पर न रहता। पर तरुण तुर्फ'ने १० वर्ष' ही में तुक' साम्राज्य के टुकड़े टुकड़े करके उसे एक राष्ट्र बना दिया । श्राज तुर्क जिस रूप में है-वह सर पर प्रकट है। फारस गत महायुद की लक्ष्य भूमि तया शायद भविष्य महा युर की रण भूमि है। . 1 C .