पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२८७

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> साय और इमारत पदो को जा सकेगी, इस का विचार करना चाहिय। हमारी सांस्कृति में न्याय, परोपकार और पुण्य इन गुणों की जो विशेषता थी, उन्हीं गुणों की नींव पर एकता की इमारत उठाना सदगुणों का अधिष्ठान लेकर फिर योरोपियम शास्त्र की सहायता से हम लोगों को हमारे उद्योग व्यवसाय और युख की सामग्री वृद्धिंगत करना चाहिये । इस उद्योग व्यव युद्ध के साधनों के साथ, पाश्चात्यों की अम्यान्य राष्ट्रों को हरामे की वृत्ति का, हम लोगों को अनुकरण महीं करना चाहिये । श्रात्म रक्षा के जितनाही हमें मका अनुकरण करना चाहिये। जापान में सेना और संस्कृति की दष्टि से पाश्चिमात्यों का बहुत कुछ अनुकरण किया है। जापान को सेना अथवा मौसेमा की सिद्धि के लिये युरोप पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। इसी से जापाम पूरा २ स्वतंत्र है, ऐसा कहने में कोई बाधा नहीं। दूसरा एक ऐशिया का देश गत विश्वव्यापी महायुड में मध्यवर्ती सत्ता की ओर से शामिल हुआ था। वह देश हार गया। बाद में उसने युरोपियों को दे दिया और अब वह पूर्वतया स्वतंत्र हो गया है वह देश सुर्कस्थान है। तुर्कस्थान और जापान, यह दोनों देश, एक संरक्षक दिवान को तौर र एशिया के दोनों ओर सड़े हैं। ईरान, अफगानिस्थान 1