पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/३२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

( २३ ) रहना चाहिये । गवर्नमेंट के प्रस्ताय में किसी कार्य की प्रतिमा महीं है. बहुत स्वीच पांच फर ही कहा जा सकता है कि कलफरी के प्रस्तायके यदले में यह घोपणा है। भिन्न भिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं में उसके बाद हो मिलकर पिचार किया और शान्तिके इच्छुफ होने के कारण उन्होंने घोपणा फा अच्छे से अच्छा प्रर्य लगाया । पर साथ ही उसे स्याकार कर ने के लिये मन शब्दों में शमी पेश की।हम में जो स्यसम्त्रता के पक्षवाले हैं उनमें से कितना ही ने सम्देह फिया फि यह हम मार्ग भ्रष्ट करने और हमारे मोतर फट सालने के लिये चाल है। बहुत सोच विचार कर हमने मेता के घोषणापत्र पर वस्तखत कर दिया। अच्छा किया या दुरा, यह सम प्रमी नहीं मालूम। पीछे पासिमेन्ट में और उसके बाहर जाबात कही गर्यो एनसे पहा सहा सम्वेद मी दूर हो गया और सरकारी मस्ताव का असली एस्प मालूम हो गया। प्राप की वशि कमेटो मे मी दरवाजा खुला रस्मा और अन्तिम निर्णयका भार इस काँग्रेस पर छोर दिया। पिछले दिनों भारत-सघिय ने पार्लिमेण्ट के अपने भाषण में यह सिर्य करने का प्रस्ताव किया कि सरकारबरोबर ही भारत के प्रति कार्यतः अपनी सवाई सिट करता है। मि० येन भारत के लिये कुछ करना और मारसियों का सनाव प्राप्त करना चाहते है लेकिन उनके वया प्रम्पों के मापणों से हमें कुछ और नहीं मालमे