पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/३३४

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३१५ ) पटेन मे बहुतेरा समझाया, परसरफार अफर गई। फुको जारी हुई। बड़ा ममा आया। लोग श्रमीम को पुस्खा घुमा कर ले गये कि भाई, जरा महरमामी फरके पहले मेरा मात्र फुर्फ करलो मैं पन्चे से जगं । घेचारे अमोन के घोली वोलते २ बोलतो बन्द हो गई, कोई परावार महीं । अन्त में गरीब किसानों की विजय हुई। } परन्तु यह फार्य पुध्दिमानो से शान्ति पूर्वक म किया गया और सरकार को तलवार निकालने का पहामा मिल गया तो हम हारेंगे। कल्पमा करिये कि आपने चुपचाप अपमा मात्र फर्क म करमे दिया, अमीम से जर बैठे, सिपाही को मार पैठे, फोजदारी हो गई। इतमा पहामा बहुत है। विद्रोह कह कर परावर फोज को गोलो से भाप भून दिये जायेंगे। फर्तव्य यह है कि शान्ति और नियम में काम हो तो प्रस्त तक सरकार वजषार म निकाल सकेगी। यह मशहूर था कि अंग्रेज लहरों पर हुमत करते हैं, प्रमेज समुद्र के राजा हैं। पात सच थी । समुद्री वा सम्सार फी कितो आसि के पास अंग्रेजों के समान नहीं है । पर बाहरे पीर कैसर पैर चूममे लायक काम किया। लड़ाई के मम्त तफ ऐसी घाल खली कि अंग्रेजों का समुद्री बन पा पड़ा हींग हगता रहा । और 'एसे प्रयोग करने का अवसर हीम प्राया। हम थोड़ी भी सावधामी, शान्ति और विचार पुरि से अपना युट करेंगे तो !