पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/३३८

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2 लिया कि हम प्रयोग्य. परग श्रमे धिमाका भार । ३५६ ) हो पर कहे कि अब मैं अपना सम्माज लुगा भापको धम्य- बाद, आप अपने घर पधारें और यह व्यक्ति उस वासफ पर और उसकी सम्पत्ति पर पूरा अधिकार ही रफ्से तो यद उसकी मय कर मोचता है। भारत या श्रायलएर गब अंग्रेजी से प्रसन्तुए है-अंग्रेजों की नीति दे गा पसन्द है। अंग्रेजों के कार्यों में उन्हें माराज कर दिया है, साथ ही गत समय है और अपने घरका प्रवन्ध स्वयं परगा पाहते तब क्या कारण है कि यह अयाव मारत को दिया जाता है कि ब्रिटेन सासारण में से मिला रखने को अपनी सारी शक्ति सगा देगा और घुड़फ कर फदा माता को गत विवीगे। यूयेप स्वाधीनता का शिक्षा है। शीवात Nि, पुत्र यहाँ सक किस्म्यानो तप फोगी गुता नh or hir पिता स्यमन्त्र कर देते हैं। यह उमयी गाय को शौरम योग्य परिपारी है। पर क्या कारणा मिलामा भाग मनुष्यों से मरा भूम्बार पल पूर्वक पराधीन रखा जाता है। कहा गया है किमाप्त प्रयाग्य -उसे धीरे २ अधिकार मिलेंगे। मैं पूएसा पो पिया पर IT HER योगा करके अपना ही तो नाम नाम ARTIK की माति को इमारी इतमी गगताप