पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/४३

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( ३२ ) फिन्तु फिलीभी दशा में राज्य के निवासियों को उपेक्षा नहीं की जा सकती। 3 1 1 4 4 मजूर और किसान तासरो समस्या सव से घटी है। कारण, भारत का अर्थ ही मजर और किसान हैं। हम जिप अंशतक उन्हें उठायेंगे ओर उनकी मांगे पूरी करेंगे हमारे काम में सफलता भी उसी अंश तक दोगो। हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन में घे जितना ही शामिल होंगे उसमा ही इस का पज्ञ बढ़ेगा । उम का पक्ष जा घस्तुनः देश का पक्ष है, लेकर ही हम उन्हें अपने साथ मिझा सकते हैं। कांग्रेस मे सन के प्रति सद्भाष तो प्रकट किया है, पर उस के आगे पह कमी नहीं बढ़ो है कहा जाता है कि कांग्रेस को पंजोपति और मसूर तथा जर्मोदार और काश्त- कार के घोच म्याय' तुला बराबर रखनी चाहिये। किन्तु एक ओर का पलड़ा भयर रूप से मारो है और इसे ज्यों का त्यों रसमा अध्याय और लूट को धमाये रममा है। इस के फरने का एक मात्र मार्ग यही है कि एक भेणी का दूसरी पर से प्राधान्य मिटा दिया जाय । आलइपिस्था कांग्रेस कमेटी ने कई महीने पहले बई में प्रस्ताव पास करके सामाजिक और श्राधिक परिवर्तन रस श्रादर्शको स्योकार किया है। माशा है कि कौनस मी उस पर अपनी मुहर लगा देगी और 1