पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/४६

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फरके सम्हें किसानों को लोसने बोमे के लिये सौंपा जा रहा है। मारत के भी बहुत से भाग में किसान ही अपने प्रों के मालिक है और यही पद्धप्ति हमें देश भर में प्रसालित करनी होगी। ऐसा करने में कम से कम फर बड़े जमींदार भी हमें मदद देगे, इस फी में प्राशा करता है। इस काँग्रेस के लिये यहाँ कोई व्योरेयार प्राधिक कार्यक्रम तैयार करना सम्भय नहीं है। यद तो साधारण सियाम्त स्थिर करके उस की सफा साल पूरा करने का भार आल इण्डिया कांग्रेस कमेटी को दे दे ओ मजूर वली काग्रेस सथा अन्य संगठनों के साथ मिलकर असे पूरा परे । वास्तव में मैं आशा करता है कि इस कांग्रेस और मजूर वल कांग्रेस में सहयोग बढ़ेगा और दोमो भयिप्य के मंभषों में एक साथ मिलकर लड़ेगी। हिंसा पुरी है, पर गुलामी उस से भी ज्यादा है अव तक हम में शक्तिम हो ये सारा वा प्राशा हो भाशा तक समाप्त हैं 1 इस लिये सर्वप्रथम शक्ति को प्राप्ति श्रावश्यक है जो फोरी बहसों और वकीलों की दलीलो स महीं, पत्रिक राष्ट्र का स गठन करने से प्राप्त होगी । सस के लिये इस फाँप्रेस को अपना ध्यान अवश्य क्षगाना चाहिये। पिहला सास हमारो तरपारी का या पोर हमने अपने फोनस संगठन मजपूत करने का पूरा पूरा प्रयल दिया है जिस से उसकी LI