पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/५४

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1 शक में में कांग्रेस के रचनात्मक कार्य फी चर्चा नहीं की है। यह जारी रखना जरूरी है किन्तु गत कई वर्षों के अनुमष से सिद्ध है कि यह हमें काफी तेजी से आगे नहीं पड़ाता। यह माषी कार्य के लिये मेदान तैयार करता है और इस वर्ष के शान्तिपूर्षक कार्य का फल प्राप्त विपाई देहा है मासफर मैं प्राशा करता हूँ कि विदेशी कपड़ों और ब्रिटिश माल का वायफाट जारीरपलंगे। इस लिये हमारा कार्यक्रम राजनीतिक और प्रार्थिक वायफाट पोना चाहिये । अब तक 'दम यास्तव में स्वतन्त्र म हो ओर स्वतन्त्र होने पर भी पूरे तौर पर हमारे लिये यह सम्मय नहीं है कि किसो देश का 'पूरे तौर पर पायकाट कर सके या उससे सब वाह का सम्बन्ध तोड़ सके । किन्तु हमारा प्रयत्न यह अवश्य होना चाहिये कि ब्रिटिश गवर्ममेंट से सव सरह के लगाव का जितमा मी फम कर सकें करें और अपने ऊपर भरासा करे । इंगलैण्ड फा लिया हुमा ऋण न चुकायेंगे । हमें यह भी स्पर कर देना चाहिये फिगलएर ने जो का लेकर भारत के ऊपर लाद रक्या है उसकी जिम्मेवारी -भारतवर्ष अपने ऊपर भगा। क्या कांग्रेस ने उनको को चुकाने की जिमेवारी लेने से इनकार किया था और हमें फिर भी स्पर घोषणा करके उस पर स्टे रहना चाहिये। 1