पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/६१

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+ 1 1 है। (म.) असाधारण है यह इस प्रकार है। १-फॉसिल आदि का बहिष्कार। २-विदेशी वस्त्रों तथा माल का यहिष्कार। ३-ब्रिटेन से सब प्रकार का सम्बन्ध विच्छेद करने की यथा साभ्य चेष्टा। ४-पग्लेंड का भारत के माम; पर जो ऋण है। पए चुकाने से एन्कार! ५ सब प्रकार के कर देने से इन्कार तथा भद्र अवाहा । यह प्रोग्राम यदि इसकी वास्तविकता पर विचार किया जाय तो हृदय में गहरा इस कम्प उत्पन्न कर देने याला और यह युवक राष्ट्रपति उसके गुरुत्य से अनजाम नहीं यह अम्स में कहता है "सफलता साहसी जनों को ही मिला करती है, वह उन कायरों के पास महीं फटकती। जो सदा परिणाम से भय खाते हैं" जवाहर लाश मेहरू की तरपती हुये प्रात्मा, उनके उनुगारों में हैं अब प्रश्न यह है कि इस मारो उत्तरदायित्व की जिसे सम्होंने ठोक अनुभष किया है क्या १ वर्ष तक भी निषाह लेजाना इस प्रतापी गष्ट्रपति के लिये समाव होगा। मैं यह मानता हूँ कि महात्मा गान्धो जैसे धादिसक और हर मिश्चिप और मोती लाल जैसे मनस्थी पुरुषों के प्रवल प्राभप 1 5 I 1