पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/७

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२) के निपटारे के लिये पायसराय मे जो-जो उद्योग किया है यह फांग्रेस उस की फदर करतो है मगर उसके बाद जो कुछ कार्रवाई हुई है और महात्मा गान्धी, पं० मोतीलाल नेहरू तया दूसरे नेताओं से वायसराय को वात चीत का जो नतीजा हुमा है उस का विचार करके इस काँग्रेस को राय है कि वर्तमान अवस्था में कांग्रेस के प्रतिनिधियों को सम्मेलन में मेजने से कुछ भो लाम न होगा, इसी लिये यह फाँप्रेस अपने गत वर्ष के कलकत्ते याने निश्चय के अनुसार घोपित करती है कि कांग्रेस के पहले नियम में जो 'स्वराज्य' शब्द है उस का अर्थ 'पूर्णस्वाधीमता' होगा, और यह भी घोषित करती है कि मेहरू कमेटो को रिपोर्ट की सारी योजना रह हो गई और आशा करती है कि अप से सभी कांप्रेस वाले अपना सारा ध्यान हिन्दोस्तान को पूर्ण रूप मे स्याणीनता प्राप्त कराने में लगायेंगे।" "स्वाधीमता के संग्राम की प्रारम्भिक कारवाई के लिये और कांग्रेस की नीति को यया सम्मघ परिवर्तित ध्येय पर चलाने के लिये-यह कांग्रेस केन्द्रीय और व्यवस्थापक समानों तथा सरकार द्वारा नियुक्त कमेटियों के बहिष्कार का निश्चय करती है और काँग्रेस वालों तथा दूसरे लोगों से कहती है कि राष्ट्रीय आन्दोलन में शामिल हो कर प्रत्यक्ष या अयप्रदा रूप से भागें के चुनाव में शामिल न हो और कौसिलो t ?