पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/७१

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1 t के लिये कहाँ तक उद्वार में सहायक होगा यह बिना विचार नहीं रह सकते, हम इस बात पर दृढ़ विश्वास रखते है कि देणे और जातियों की स्वाधीनता गर्म रक्त झी नदा मै नहाने से ही प्राप्त हुआ करती है, केवल बातों से नहीं । मैं अपनी व्यक्तिगत राय दे सकता हूँ कि मला कासना और सहर' बुनना मेरे लिये खुले युद्ध में घाय खाकर मर जाने से ज्यादा फठिन है। यह कैसे सम्भव हो सकता है कि हम अपनो प्राचीन एकाम्तमा को अव उसा दंग पर बनाये रख सकते है, यहो कैसे हो सकेगा कि हम देश को अपमे लामो धर्प को पुरानी सभ्यता के सहारे इस भयामक गुलामी से आज़ाद कर सकते है। महात्मा गान्धो का यह कथम सत्य है कि एक पास से देश का उसार करना अनिष्टिकर है जैसी परिस्थिति है उसे देखते लोग इस बात में सहमत तो है कि रक्त पात हान युख ठीक है परन्तु सभी वास्तविकता जो महात्मा गाधी के युद्ध में है यह दो पातों पर निर्भर है, एफ पूर्ण महिंसा दूसरी सब प्रकार के फ को पेने से इन्कार, पूर्व अहिंसा का परिणाम तो यह होगा कि ब्रिटिश शक्ति को सामारिक बन उपयोग में लामे का अवसर हो म आवेगा। स्वाधीनता के युख के निकट भविष्य के प्रोग्राम में एक