सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/१८५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
पुर्तगाल
१७९
 

पीत आतङ्क-–जापानी साम्राज्यवाद अथवा साम्राज्य-विस्तार के विरुद्ध उत्पन्न हुई योरपीय जातियों की मनोभावना, जिसका अन्तिम जर्मन-सम्राट्, कैसर विल्हैल्म, ने सबसे अधिक विरोधात्मक प्रचार किया। बहुत दिनों से योरपीय साम्राज्यवादी देश जापानी-विस्तार से भयभीत हैं और इसे पीत आतङ्क (पीला ख़तरा--‘यलो पैरिल') कहकर पुकारते हैं, और जब से जापान ने चीन को हथियाने के लिए लड़ाई छेडी है तब से तो इन देशो--योरपीय और अमरीकी--का भय और भी बढ़ गया है, और उनका कहना है कि योरप को पददलित करने के लिए ही जापान चीन को अपने साम्राज्य के अन्तर्गत कर लेना चाहता है। मगोल होने के कारण, चीनियो की भॉति, जापानी जाति का रंग पीला है, इसलिए उससे सम्भावित ख़तरा भी पीला कहलाया। ‘पीत आतङ्क' शब्द से बहुत पूर्व, पूर्वीय देशो में, इसी प्रकार, पाश्चात्य गोरी जातियों के विरुद्ध, उनके साम्राज्यवाद और उससे उत्पन्न अत्याचारो के तिरस्कार के रूप में, श्वेतजन का बोझ' (‘हृाइटमैन्स बर्डन्’)-शब्द संसार में बहु-प्रचलित है।

पुर्तगाल--क्षेत्रफल ३५,४०० वर्गमील, जनसख्या ७५,००,०००। १९१० मे राजतन्त्र से प्रजातत्र


बना। तब से इस देश मे २४ क्रान्तियॉ हुई हैं। सन् १९२६ में प्रजातत्रवादी सरकार को फौजी दल ने पलट दिया। सन् १९३२ में डा० अन्तोनियो प्रधान-मत्री बन गया। तबसे वही इस देश का अधिनायक है। पुर्तगाल की पार्लमेट मे दो चेम्बर हैं। अध्यक्ष अथवा राष्ट्रपति ७ वर्ष के लिये जनता द्वारा चुना जाता है। पुर्तगाल का औपनिवेशिक साम्राज्य २७,००० वर्गमील में