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अमरीकन मज़दूर संघ
 


पाकर आप कोलम्बिया विश्वविद्यालय (अमेरिका) गये और वहाँ अर्थशास्त्र तथा समाज-विज्ञान की शिशा प्राप्त की तथा विश्वविद्यालय से एम०ए०, पीएच०डी० की पदवियाॅ प्राप्त की। सन् १९०७ में वह सिडेनह्म कालेज बम्बई मे अर्थशास्त्र के प्रोफेसर नियुक्त हुए। फिर वह जर्मनी तथा लन्दन विशेष अध्ययन के लिये गये और वहाॅ जाकर अर्थशास्त्र मे लन्दन-विश्व-विद्यालय से डी० एस्सी० की पदवी प्राप्त की।सन् १९२६ में मुद्रा-कमीशन के समक्ष इन्होने अपना वक्तव्य दिया। 'वहिष्कृत हितकारिणी सभा' की इन्होने स्थापना की और "वहिष्कृत भारत" नामक समाचार-पत्र का संपादन किया। १९३०-३२ में गोलमेज-परिषद् लन्दन में भारत के दलित वर्ग की ओर से सरकार द्वारा प्रतिनिधि मनोनीत होकर गये। सन् १९३३ में सयुक्त पार्लमेटरी कमिटी के समक्ष बयान दिया। सन् १९६५-३६ मे भारतीय सीमानिर्धारण-कमिटी के सदस्यो के सामने अपने वक्तव्य दिया। सन् १९३२ मे हुए पूना-समझौता के समय से आपका राजनीति मे विशेष महत्व है। पूना-समझौता पर आपने भी हस्ताक्षर किये। अर्थशास्त्र विषय पर आपने कई खोज-पूर्ण पुस्तके लिखी हैं। राजनीति के उच्चकोटि के विद्वान् हैं। दलित वर्ग में पृथक्वादी दल-विशेष के


सबसे योग्य और प्रसिद्ध नेता आप हैं। आप दलित वर्ग के लिए पृथक् निर्वाचन चाहते हैं। आप 'पाकिस्तान' के भी पोषक हैं। सन् १९४१ के बाद जुलाई सन् १९४२ में जब वाइसराय की कार्यकारिणी के सदस्यों की संख्या बढ़ाई गई, तब इस कार्यकारिणी में डा० अम्बेदकर को मज़दूर-विभाग का सदस्य बनाया गया।


अमरीकन डगलस वी १९--यह‌ संसार का सबसे बड़ा बन-वर्षक वायुयान है। इसका वज़न ८२ टन तथा चाल की गति २०० मील प्रति घण्टा है। यह अमरीका का हवाई जहाज है।


अमरीकन मज़दूर संघ-- यह अमरीका तथा कनाडा की मज़दूर-संस्था है। इसका केन्द्र वाशिंगटन में है। सेम्युअल गोम्पर्स के प्रयत्न से, सन् १८८१