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पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/२६५

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- बाबरोज = -=- डीवोस्टक = वन । हैं मज़दूर दल था । उसने इस प्रान्त में पूर्वी-चीना-रेलवे बनाई थी जो व्लाडीवोस्टक तक जाती है । १८ सितम्बर १९३१ को, क़ब्ज़ा करने के लिये, जापान ने अपनी सेनाएँ मंचूरिया में भेजदीं। चीनी लडे, किन्तु हार गये । १८ फरवरी १६३२ को चीनी सेनाएँ इस प्रान्त से निकाल दीगई। मंचूरिया तथा जेहोल प्रान्तो को मिलाकर मंचूको नाम सेस्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया गया। मंचू-वंश का अन्तिम चीना सम्राट्, पू यी, जो १९११ में, बाल्यावस्था मे ही, राज-सिहासन से । सोविय, ल स । उतार दिया गया था, तथा जापान मे जिसका पालन-पोषण हुआ था, मंचूको का राष्ट्रपति बना दिया गया । १ मार्च १९३४ को, कांग् तेह नाम रखकर, उसने सम्राट् पद धारण किया । यह राज्य नाम मात्रे को स्वतंत्र है । इस पर जापान का पूर्ण नियत्रण है। जापानी सेना रहती है और हर सरकारी सीगे } में जापानी सलाहकार तैनात हैं । - * । । देश की कृषि और खनिज उद्योगो को जापानी बढ़ा रहे हैं । अनेक जापानी धन्धे वहाँ कायम होगये है । किन्तु प्रवासी जापानियो को वहाँ का जलवायु अनुकूल नहीं है । रूस ने चीनी रेलवे लाइन, मार्च १९३५ में, १ करोड पौड मे जापान को बेचदी । मंचूको-सरकार को न तो चीन ने स्वीकार किया है और न जर्मनी, इटली, स्पेन तथा त्रिगुट के हिमायती छोटे देशो के सिवा अन्य देशो ने । सोवियत रूस, अप्रैल १९४१ मे जापान के साथ की हुई निरपेक्षता-सन्धि के आधार पर, मंचूको की अखण्डता को स्वीकार कर चुका है। दिसम्बर १९४१ मे मैचूको, बरतानिया और अमरीका के विरुद्ध जापान के साथ युद्ध में शामिल होचुका है । मज़दूर दुल–बरतानवी समाजवादी दल; द्वितीय साम्यवादी अन्त